15 दिन पहले ही एनसीआर में ग्रेप लागू, प्रदूषण से बचाने के लिए और कड़े हुए नियम
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1376775

15 दिन पहले ही एनसीआर में ग्रेप लागू, प्रदूषण से बचाने के लिए और कड़े हुए नियम

Delhi NCR Pollution: गौतमबुद्ध नगर के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार के मुताबिक, जिला प्रशासन के नेतृत्व में प्रदूषण विभाग की 4 टीमों के अलावा प्राधिकरण के अधिकारियों की कुल 14 टीमें प्रदूषण वा ग्रेप नियमों की निगरानी के लिए बनाई गई हैं. इनमें तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. अगर कोई भी नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उस पर 50,000 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा.

15 दिन पहले ही एनसीआर में ग्रेप लागू, प्रदूषण से बचाने के लिए और कड़े हुए नियम

Delhi NCR Pollution: ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (ग्रेप) पूरे एनसीआर में लागू कर दिया गया है. दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इस साल ग्रेप में कई नियमों में बदलाव किया गया है. सबसे पहला और बड़ा बदलाव तो ये है कि हर साल ग्रेप को 15 अक्टूबर से लागू किया जाता था, वह 15 दिन पहले 1 अक्टूबर से ही दिल्ली एनसीआर में लागू कर दिया गया है. पहले ही दिन यानि 1 अक्टूबर को नोएडा में ग्रेप नियम को तोड़ने वालों पर 2 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया.

यह भी पढ़ें: Big Boss ने लिया बड़ा फैसला, ये बदलाव कर तोड़ डाली 15 साल पुरानी परंपरा

ग्रेप के लागू होते ही एक्यूआई (AQI) 300 से अधिक होते ही डीजल जनरेटर के संचालन पर पूरे एनसीआर में पूरी तरीके से रोक रहेगी. बड़ी-बड़ी सोसाइटियों में, अस्पताल, होटलों में लगे एस्केलेटर और लिफ्ट को चलाने के लिए सिर्फ 2 घंटे ही डीजल जनरेटर चलाने की छूट दी गई है और जैसे-जैसे एक्यूआई बढ़ेगा वैसे-वैसे पाबंदियां और भी बढ़ती जाएंगी. ग्रेप के लागू होते ही पूरे एनसीआर में औद्योगिक संगठनों में बहुत ज्यादा रोष है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली में तमाम औद्योगिक संगठन जगह जगह पर प्रदूषण विभाग के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके मुताबिक उन्हें डीजल जेनरेटर सेट चलाने की छूट दी जाए. नहीं तो उनकी औद्योगिक इकाइयों पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा.

 

किस तरह के उपकरण चलाए जा सकते है?

ग्रेप सिस्टम लागू होते ही एक्यूआई 300 से अधिक होने पर सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी जनरेटर के संचालन पर छूट रहेगी. साथ ही ऐसे जनरेटर जिनमें र्रिटोफिट इमर्शन कंट्रोल डिवाइस (आरईसीडी) और ड्यूल फ्यूल किट लगी है, उन्हें चलाने पर छूट रहेगी. दोनों डिवाइस के लगने से डीजल इंजन से प्रदूषण 90 प्रतिशत कम हो जाता है. एक्यूआई 300 से अधिक होने पर डीजल जनरेटर पर रोक रहेगी. सोसाइटी में सिर्फ लिफ्ट चलाने के लिए 24 घंटे में सिर्फ 2 घंटे डीजल जनरेटर चलाने की छूट होगी. दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर लगे हैं अभी तक उद्यमी जनरेटर को सीएनजी और पीएनजी में परिवर्तित नहीं कर सके हैं। ऐसे में उद्योगों पर ग्रेप का काफी असर देखने को मिलेगा.

यह भी पढ़ें: रूस करेगा परमाणु बम से हमला? यूक्रेन ने ताबड़तोड़ गोलियां दाग एक और शहर पर वापस पाया नियंत्रण

किन-किन बातों का रखना होगा ध्यान, नहीं तो लगेगा जुमार्ना?

ग्रेप लागू होने के बाद कूड़ा जलाने पर पूरी तरीके से रोक रहेगी और कूड़ा जलाने वाले पर जुर्माना लगाया जाएगा. निर्माण सामग्री को ढक कर रखना होगा. सड़कों को नियमित रूप से मशीन से सफाई कर पानी का छिड़काव करना होगा। निमार्णाधीन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगानी होगी। एक्यूआई 400 के ऊपर पहुंचने पर निर्माण और ध्वस्तीकरण का काम बंद कर दिया जाएगा. इसके साथ साथ होटल व ढाबों में तंदूर, लकड़ी व कोयले का उपयोग इंधन के रूप में करने पर पाबंदी होगी. अस्पताल में से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करना होगा.

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगेगा जुर्माना

गौतमबुद्ध नगर जिले में करीब 8 लाख 26 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हैं. इनमें अकेले दो पहिया वाहनों की संख्या 5 लाख से अधिक है। जबकि 2 लाख 41 हजार चार पहिया वाहन हैं. 21 हजार से अधिक मालवाहक, 1 लाख 20 हजार टैक्सी, 7000 ट्रैक्टर समेत अन्य वाहन हैं. इसके अलावा 1 लाख 24 हजार ऐसे पेट्रोल और डीजल वाहन हैं जिनकी 10 और 15 साल की उम्र पूरी हो चुकी है. यह वाहन अब चलने लायक नहीं है. ऐसे वाहनों को पकड़े जाने पर परिवहन विभाग सीधे जब्त करने की कार्रवाई करेगा.

यह भी पढ़ें: यहां खुलेगा यूपी का पहला स्किन बैंक, एसिड विक्टिम्स को मिलेगी नई त्वचा

प्रदूषण से क्या हो सकता है नुकसान

बढ़ते हुए प्रदूषण से बच्चे बुजुर्गों समेत सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और सभी लोग इस बढ़ते प्रदूषण से खुद को बचा कर रखने की कोशिश करते हैं. लेकिन अक्सर यह देखने को मिलता है कि प्रदूषण के चक्कर में बुजुर्गों और बच्चों को सांस संबंधी बहुत ज्यादा प्रॉब्लम होती है. प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन, टीवी, कैंसर, शारीरिक रूप से कमजोरी, बच्चों के विकास पर प्रभाव, गर्भपात, समय से पहले प्रसव, मृत्यु दर में बढ़ोतरी आदि समस्याएं बढ़ सकती हैं. 

ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in 

 

Trending news