नीतीश और नायडू रोक देंगे वक्फ बिल, महबूबा को क्यों है इतना कॉन्फिडेंस; लिखा दोनों को खत
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नीतीश और नायडू रोक देंगे वक्फ बिल, महबूबा को क्यों है इतना कॉन्फिडेंस; लिखा दोनों को खत

Mehbooba Mufti on Waqf Bill: वक्फ बिल को रोकने के लिए सभी मुस्लिम संगठन और कई राजनीतिक दल बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू (N. Chandrababu Naidu) से अपील कर रहे हैं कि इस बिल का समर्थन न करें.

नीतीश और नायडू रोक देंगे वक्फ बिल, महबूबा को क्यों है इतना कॉन्फिडेंस; लिखा दोनों को खत

Mehbooba Mufti on Waqf Bill: वक्फ बिल (Waqf Bill) को लेकर पूरे देश में राजनीति चल रही है. बीजेपी इस बिल को बजट सेशन में पास कराना चाहती है. वहीं विपक्षी दल किसी भी हालत में इस बिल को पास नहीं होने देना चाहते. क्योंकि अगर यह बिल पास हो गया तो वक्फ बोर्ड (Waqf Board)  के अधिकार सीमित हो जाएंगे. यानी एक तरह से वक्फ बोर्ड ही खत्म हो जाएगा. 

ऐसे में वक्फ बिल किसी भी हाल में पार्लियामेंट से पास न हो, इसलिए सभी मुस्लिम संगठन और कई राजनीतिक दल बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू (N. Chandrababu Naidu) से अपील कर रहे हैं कि इस बिल का समर्थन न करें. इस सिलसिले में जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने बिहार के सीएम और आंध्र प्रदेश के सीएम से अपील की है कि वे वक्फ बिल पर बीजेपी का समर्थन न करें.

नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के नाम खत
महबूबा मुफ्ती ने इसके लिए एक प्रेस नोट लिखा है, जिसमें लिखा गया है कि डियर नीतीश जी & नायडू जी, प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल ऐसे समय में आया है, जब पिछले एक दशक से मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से मताधिकार से वंचित, शक्तिहीन और राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रखा गया है. शायद सबसे ज़्यादा चिंता की बात यह है कि संयुक्त संसदीय समिति को सौंपे गए असहमति नोटों के रूप में विपक्षी दलों द्वारा उठाई गई शंकाओं की पूरी तरह अनदेखी की गई है. इस असंवैधानिक, अविवेकपूर्ण और सत्तावादी विधेयक से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले समुदाय से परामर्श करने के किसी भी वास्तविक प्रयास के बिना परामर्श की प्रक्रिया हास्यास्पद लगती है. pic.twitter.com/vgaooH9o05

मुसलमानों के संपत्तियों पर हमला- पूर्व सीएम
प्रेस नोट में आगे लिखा गया है, देश भर में वक्फ के स्वामित्व वाली संपत्तियों में सुधार के नाम पर बनाए गए इस विधेयक का वास्तविक उद्देश्य वक्फ अधिनियम की मूल बुनियाद को कमजोर करना है, जिसका उद्देश्य धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए समर्पित संपत्तियों की रक्षा और संरक्षण करना है. प्रत्येक प्रस्तावित संशोधन न केवल मुस्लिम समुदाय के हितों के विपरीत है, बल्कि हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर भी सीधा हमला है.

बीजेपी पर हमला
प्रेस नोट में लिखा गया है कि यह बेहद विभाजनकारी बिल बहुसंख्यकवाद का स्पष्ट प्रकटीकरण है जिसने 2014 से कट्टरता और मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने को बढ़ावा दिया है. यह भारत के मूल विचार पर प्रहार करता है, एक ऐसा भारत जो विविधता, बहुलवाद और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के अपने मूल मूल्यों पर पनपता है. भारत के लिए गांधी के दृष्टिकोण का सार बदला जा रहा है, इस देश को एक साथ बांधने वाले धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर किया जा रहा है.

नीतीश और चंद्रबाबू नायडू ने गंगा जमुनी भाईचारे की भावना को दिया है बढ़ावा- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने आगे लिखा, आप हमेशा से हमारे संविधान में दृढ़ विश्वास रखते रहे हैं और आपने हमेशा गंगा जमुनी भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया है. आज, एनडीए के प्रमुख सदस्यों के रूप में, आप इस मामले को प्रभावित करने और इस हमले को रोकने के लिए अद्वितीय स्थिति में हैं. मैं आपसे ईमानदारी से आग्रह करता हूं कि आप हस्तक्षेप करें और इस विधेयक को हमारी राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने से रोकें.

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