Abbas Ansari: मुख़्तार अंसारी की तरह विधायक बेटे को भी सता रहा है जेल में किसी अनहोनी का खतरा!
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Abbas Ansari: मुख़्तार अंसारी की तरह विधायक बेटे को भी सता रहा है जेल में किसी अनहोनी का खतरा!

Abbas Ansari: उत्तर प्रदेश के पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे और उत्तर प्रदेश के मऊ निर्वाचन क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक अब्बास अंसारी इस वक़्त जेल में बंद हैं. अंसारी की पेशी विडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही थी, जिसे सरकार ने बंद कर दिया है. अब अंसारी को डर है कि जेल से कोर्ट पेशी के लिए जाते या आते वक़्त उनकी साजिशन हत्या हो सकती है. 

Abbas Ansari: मुख़्तार अंसारी की तरह विधायक बेटे को भी सता रहा है जेल में किसी अनहोनी का खतरा!

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की जेल में मौत के बाद अब मुख्तार के बेटे और यूपी के विधायक अब्बास अंसारी को भी जेल में किसी अनहोनी का डर सता रहा है. अब्बास अंसारी को इस बात का भी डर सता रहा है कि जेल से पेशी के लिए कोर्ट जाते या आते वक़्त रास्ते में उनका एनकाउंटर किया जा सकता है.  अब्बास अंसारी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में वर्चुअली पेश होने की मांग की है. अब्बास अंसारी इस वक़्त कासगंज की जेल में बंद हैं.  
हाईकोर्ट रद्द कर चुका है अपील, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से माँगा जवाब 
जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच को दिवंगत गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अंसारी की तरफ से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने आगाह किया कि वह कासगंज की जेल से अदालत के सामने वर्चुअली पेश हो रहे थे, लेकिन यह सुविधा रोक दी गई. सिब्बल ने कहा, " कृपया मेरे मुवक्किल को अदालती कार्यवाही में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की इज़ाज़त दी जाए. आजकल जेल और अदालत के बीच बहुत सी चीजें होती हैं. जेल से अदालत ले जाते वक़्त लोगों की मौत हो जाती है." अदालत उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में कथित तौर पर एक गिरोह चलाने के मामले में बंद अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सिब्बल से कहा कि वे याचिका लेकर हाई कोर्ट जाएं. जिसपर सिब्बल ने कहा कि उच्च न्यायालय जाने का मतलब होगा कि जब तक मामले की सुनवाई होगी, अंसारी को शारीरिक रूप से अदालत ले जाया जाएगा. सिब्बल ने कहा, "मेरा मुवक्किल इस मामले में डेढ़ साल से जेल में है. कृपया उसे जमानत दें. उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता के एम नटराज ने कहा कि अंसारी ने मामले में जमानत के लिए शीर्ष न्यायालय का रुख किया था, लेकिन हाई कोर्ट का रुख करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस ले ली. उन्होंने कहा, "हाईकोर्ट ने मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और अब वे फिर से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं. कृपया मुझे इस याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दें." बेंच ने नोटिस जारी कर सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. पिछले साल 18 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

अब्बास अंसारी पर क्या है इलज़ाम ? 
अब्बास अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक हैं. उनपर चित्रकूट में आपराधिक गिरोह चलाने का इलज़ाम है. वो अभी कासगंज से 450 किलोमीटर दूर है, जहां वह वर्तमान में जेल में बंद है.  चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी पुलिस स्टेशन में 31 अगस्त, 2024 को अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) कानून, 1986 की धारा 2, 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. उन पर जबरन वसूली और मारपीट का इलज़ाम लगाया गया था. उसे 6 सितंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था. 28 अगस्त 2024 को एक गैंग चार्ट तैयार किया गया था, जिसे 29 अगस्त 2024 को चित्रकूट जिला मजिस्ट्रेट द्वारा विधिवत अनुमोदित किया गया था, जिसमें अब्बास को एक गिरोह का नेता दिखाया गया था, जबकि अन्य चार आरोपी गिरोह के सदस्य थे, जिन्हें आपराधिक गतिविधियों में शामिल बताया गया है. 

 

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