Manohar Joshi Died: कैसी हुई मनोहर जोशी की मौत? डालें उनके राजनैतिक करियर पर एक नजर
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Manohar Joshi Died: कैसी हुई मनोहर जोशी की मौत? डालें उनके राजनैतिक करियर पर एक नजर

Manohar Joshi Died: मनोहर जोशी का देर रात निधन हो गया है. वह 86 साल के थे, हाल ही के दिनों में उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था. जिसके बाद वह काफी वक्त तक अस्पताल में थे. आइये जानते हैं पूरी डिटेल

Manohar Joshi Died: कैसी हुई मनोहर जोशी की मौत? डालें उनके राजनैतिक करियर पर एक नजर

Manohar Joshi Died: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का शुक्रवार सुबह तीन बजे निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि उनकी मौत उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण के कारण हुई है. वह 86 साल के थे और पीडी हिंदूजा अस्पताल में थे. उनकी मौत की पुष्टि ऑपरेटिंग ऑफिसर जॉय चक्रवर्ती ने की है.

मनोहर जोशी के बेटे उमेश ने क्या कहा?

एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए मनोहर जोशी के बेटे उमेश ने कहा,"उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था और निगरानी में रखा गया था. बुधवार को उन्हें हृदय संबंधी परेशानी हुई. उन्हें लंबे समय से उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं थीं. हम शिवाजी पार्क श्मशान में अंतिम संस्कार करेंगे और इससे पहले, पार्थिव शरीर को माटुंगा में हमारे घर लाया जाएगा.

2023 में हुआ था ब्रेन हैमरेज

जोशी का स्वास्थ्य मई 2023 से ही नाजुक है जब उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था. इसके बाद उन्हें हिंदुजा अस्पताल के आईसीयू में ले जाया गया, जहां वह कुछ दिनों तक सेमी कॉन्शियस कंडीश नें थे. चूँकि डॉक्टरों को ठीक होने की बहुत कम उम्मीद दिखी, इसलिए उन्हें अपने शिवाजी पार्क स्थित घर में वापस जाने के लिए कहा गया, जहां उनकी देखभाल की जा रही थी. 2 दिसंबर को, जब जोशी 86 वर्ष के हो गए, तो उन्हें दादर स्थित उनके कार्यालय लाया गया, जहां उनके समर्थकों ने उनका जन्मदिन मनाया.

ऐसा था उनका राजनैतिक करियर

2 दिसंबर, 1937 को महाराष्ट्र के महाड में जन्मे जोशी ने मुंबई के प्रतिष्ठित वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (वीजेटीआई) से सिविल इंजीनियरिंग में से अपनी बैचलर डिग्री की थी. जोशी का राजनीतिक करियर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होने से शुरू हुआ और बाद में वह शिव सेना के सदस्य बन गए. 1980 के दशक में, जोशी शिवसेना के भीतर एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे, जो अपने संगठनात्मक कौशल और जमीनी स्तर से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे.

मनोहर जोशी का सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक माइल स्टोन 1995 में आया जब उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शरद पवार की जगह ली, जिससे पहली बार राज्य में शिवसेना ने सत्ता संभाली. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे जब वाजपेयी सरकार सत्ता में थी.

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