Minorities Ministry Budget: 1 फ़रवरी को पार्लियामेंट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. एक ओर जहां सत्ता पक्ष इसकी तारीफ़ करता नज़र आया तो वहीं अपोज़िशन ने इस पर निशाना साधा. आम बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को सिर्फ़ मायूसी ही हाथ लगी.
Trending Photos
Minorities Ministry: 1 फ़रवरी को पार्लियामेंट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. एक ओर जहां सत्ता पक्ष इसकी तारीफ़ करता नज़र आया तो वहीं अपोज़िशन ने इस पर निशाना साधा. आम बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को सिर्फ़ मायूसी ही हाथ लगी. इस बार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट घटाकर 3097 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि 2022-23 में ये बजट 5020 करोड़ रुपये था. ताज्जुब इस बात का है कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय 2022-23 में अपने बजट का आधे से भी कम 2612 करोड़ रुपये ही ख़र्च कर पाया.
कई स्कीमों का घटाया गया बजट
स्कॉलरशिप और फैलोशिप बन्द करने को लेकर पहले ही सवाल उठते रहे है लेकिन इस बार के बजट में नज़र आया कि स्किल डेवलपमेंट के लिए चलाई जाने वाली स्कीम का बजट 235 करोड़ से घटाकर सिर्फ 10 लाख कर दिया गया, जबकि नई मंज़िल स्कीम भी 46 करोड़ के बजट से घटकर महज़ 10 लाख के बजट तक महदूद रह गई है. इसके अलावा उस्ताद स्कीम का बजट भी 47 करोड़ से घटाकर 10 लाख कर दिया गया, जबकि मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन भी लगभग बन्द होने की कगार पर नज़र आ रहा है. इसके अलावा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के बजट को 1650 करोड़ से घटाकर 600 करोड़ कर दिया गया है.
देश में माइनॉरिटीज़ की कोई हैसियत नहीं: SP
वहीं एजुकेशन स्कीम फ़ॉर मदरसा एंड माइनॉरिटीज़ के बजट को भी 160 करोड़ से घटाकर 10 करोड़ कर दिया गया है. बजट घटाने के मामले के बाद मुस्लिम सांसदों ने सरकार पर कई इल्ज़ाम लगाए. समाजवादी पार्टी के
लोकसभा सांसद एसटी हसन ने अपना रद्दे अमल ज़ाहिर करते हुए कहा कि बजट में अल्पसंख्यक समुदाय को नज़र अदाज़ किया गया है, देश में माइनॉरिटीज़ की कोई हैसियत नहीं है. दूसरी तरफ़ एमआईएम के सांसद इम्तियाज़ जलील ने सरकार के ज़रिये पेश किए बजट को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. इम्तियाज़ जलील ने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास की बात तो करती है लेकिन, मुसलमानों को उससे अलग कर दिया जाता है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट इतना कम करना इसे ही दर्शाता है.