Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू कर दिया गया है. इस पर विपक्षी दलों का कहना है कि इसे पेश करने में जल्दबाजी की गई है. इसे पढ़ने के लिए वक्त देना चाहिए. जबकि भाजपा ने इसका सपोर्ट किया है.
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Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीनियर कांग्रेस विधायक यशपाल आर्य ने मंगलवार को कहा कि अगर सदस्यों को समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक का अध्ययन करने के लिए वक्त मिलता तो अच्छा रहता. उन्होंने विधेयक को सदन की प्रवर समिति को सौंपे जाने का सुझाव भी दिया. इसके अलट उत्तराखंड सदन में पेश UCC विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि इस विधेयक को प्रस्तुत कर राज्य ने एक इतिहास बनाया है और सालों से देश में UCC के लागू न हो पाने के लिए ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ को जिम्मेदार ठहराया.
प्रवर समिति को भेजा जाए UCC
यशपाल आर्य ने कहा कि विधेयक में 392 धाराएं हैं जिनका विस्तार 172 पन्नों में है और अच्छा होता कि अगर विपक्षी सदस्यों को इसे विस्तार में पढ़ने का वक्त मिलता, जिससे सदन में इसके प्रावधानों पर सकारात्मक बहस हो पाती. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि इस विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली समिति को इसमें कई मजहबों के जानकारों की राय भी शामिल करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि भारत विविधता का देश है, जहां दीगर मजहबों के 10 दीगर नागरिक कानून हैं. आर्य ने सुझाव दिया कि विधेयक के प्रावधानों का अध्ययन करने के लिए उसे सदन की प्रवर समिति को सौंप दिया जाए.
पीएम मोदी को दिया श्रेय
प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि अनेक इस्लामी देशों ने UCC लागू किया है और उत्तराखंड में मुस्लिम महिलाओं ने भी विधेयक लाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की है. UCC को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अवधारणा बताते हुए अग्रवाल ने राज्य विधानसभा में विधेयक पेश करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया. मोदी सरकार में ही जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35 (ए) हटाए जाने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है.
महिलाओं के लिए समान अधिकार
प्रेमचंद अग्रवाल ने दावा किया कि अनेक ऐसी बातें जो ‘‘तुष्टिकरण की नीति’’ के वजह से पूर्ववर्ती सरकारों ने नहीं कीं, वे प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में हो चुकी हैं. अग्रवाल ने कहा कि UCC विधेयक में सभी धर्मों और समुदाय के पुरुषों और महिलाओं को विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने के समान अधिकार प्रस्तावित हैं जो ‘‘इस सदी का वर्तमान दशक उत्तराखंड का होने की प्रधानमंत्री की भविष्यवाणी को साकार करने’’ की तरफ एक ऐतिहासिक कदम है. कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने UCC विधयेक को भाजपा सरकार द्वारा सामाजिक सुधार की ओर एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह सभी धर्मो की महिलाओं के मानवाधिकारों का संरक्षण करेगा.