सऊदी अरब ऐसा देश है जो तकरीबन 90 साल पहले ही कई कबीलों में बंटा हुआ था. लेकिन एक युवा ने साल 1930 में इसकी नीव रखी. फिर यहां तेल का भंडार मिला और इसकी किस्मत बदल गई.
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सऊदी अरब ऐसा मुल्क है जिसने पिछले 10 सालों में बहुत तरक्की की है. सऊदी अरब पहले ऐसा इलाका था जहां कई कबीले रहते थे. ये कबीले आपस में लड़ा करते थे. लेकिन यहां एख्स ऐसा शख्स पैदा हुआ जिसने अपने 40 कबीलों को आपस में जोड़ा और 1930 में एक देश की नीव रख दी. इसके बाद यह मुल्क आगे बढ़ता गया. आज यह दुनिया में चमक रहा है.
औसत आय 19 लाख रुपये
सऊदी अरब की तरक्की का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां का हर आदमी एक साल में 19 लाख रुपए कमाता है. इसके उलट अगर भारत की बात करें तो यहां हर शख्स एक साल में औसतन 1.86 लाख रुपये कमाता है. इन आंकड़ों की जानकारी वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट से मिली है जो साल 2021 पर आधारित है.
सऊदी ने अमेरिका को पीछे छोड़ा
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में सऊदी का ‘जीडीपी पर कैपिटा’ 23185 अमेरिकी डॉलर था. जबकि इसी दौरान भारत का ‘जीडीपी पर कैपिटा’ 2256 अमेरिकी डॉलर था. एक दूसरी रिपोर्ट में बताया गया है कि 1981 में सऊदी अरब का 'जीडीपी पर कैपिटा' 17259 डॉलर था. उस वक्त अमेरिका का ‘जीडीपी पर कैपिटा’ 14000 डॉलर था. इस दौरान भारत 'जीडीपी पर कैपिटा' महज 271 था.
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तेल से बदली किस्मत
इस देश की तरक्की का श्रेय उल्लाह को दिया जाता है. यहां 1930 में कई कबीले एक दूसरे से लड़ते थे. लेकिन साल 1932 में यहां के एक युवा शेख अब्दुलाजीज अल सौद (King Abdulaziz Al-Saud) ने अपने 40 साथियों के साथ कई कबीलों पर फतह हासिल की. इसके बाद यहां एक आधुनिक मुल्क सऊदी अरब की नींव रखी. शेख ने कुरान को इस देश का संविधान माना. साल 1938 में सऊदी में तेल का भंडार मिला. इसके बाद 20 सालों में सऊदी ने खूब तरक्की की. इसके बाद सऊदी पश्चिमी देशों से सौदा करते हैं और सऊदी अरब पूरी दुनिया को तेल सप्लाइ करने वाला देश बन जाता है.
सऊथ एशिया के लोग करते हैं मजदूरी
शेख अब्दुलाजीज अल सौद की साल 1953 में मौत हो जाती है. इसके बाद उनके बड़े बेटे शेख सौद नेतृत्व संभालते हैं. तेल का भंडार मिलने से पहले सऊदी अरब यहां आने वाले हज यात्रियों से होने वाली आय पर निर्भर था. सऊदी अरब में आज इसके बजट का 92 फीसद राजस्व तेल की बिक्री से आता है. यहां एशिया के कई मुल्क जैसे भारत, बंग्लादेश और पाकिस्तान के कई लोग काम करने आते हैं.
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