पाकिस्तान इस वक्त विदेशी कर्ज और चंदों के सहारे चल रहा है. देश की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर है. वहीं, यहां के लोगों के नवाबी शौक और ऐशो आराम में कोई कमी नहीं आई है. पिछले छह माह में लोगों ने 1.2 अरब डॉलर के विदेशी कार आयात किए हैं.
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इस्लामाबादः पाकिस्तान पिछले कई माह से भीषण आर्थिक संकट झेल रहा है और इस वक्त देश दिवालिया होने के कगार पर खड़ा है. देश में पैसे के बिना इंधन का स्टॉक खत्म हो चुका है. अरब देशों में पाकिस्तान जाने वाले कच्चे तेल के बैरल को साख पत्रों के अभाव में रोक दिया गया है. एक राज्य में आटे के लिए लोग एक दूसरे को मरने-मारने का तैयार हैं. वहीं देश में पिछले छह माह में लग्जरी और हाई-एंड इलेक्ट्रिक वाहनों सहित परिवहन वस्तुओं के आयात पर 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर खर्च किए गए हैं. ये हालत तब है, जब पूरा देश इस वक्त विदेशी चंदों और कर्जों के सहारे चल रहा है. द न्यूज इंटरनेशनल अखबार ने इसे रिपोर्ट किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अभी विदेशी डॉलर की भारी कमी का सामना कर रहा है, और उसके पास अपने स्टेट बैंक के पास 5 बिलियन अमरीकी डॉलर से कम का भंडार शेष रह गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तीन सप्ताह के आयात के वित्तपोषण के लिए पर्याप्त नहीं है. वहीं, पिछले साल इन परिवहन वाहनों और अन्य वस्तुओं के इम्पोर्ट में कमी आई थी. हालांकि, कई पाकिस्तानी अभी भी महंगे लग्जरी वाहन और अनावश्यक सामान खरीद रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था पर बोझ लगातार बढ़ रहा है.
पिछले छह महीनों में, पाकिस्तान ने 530.5 मिलियन अमरीकी डॉलर का लग्जरी कार आयात किया गया है. कारों और अन्य वाहनों के आयात पर भारी खर्च औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों से संबंधित आयात को रोकने की सरकार की नीति के बारे में कई सवाल खड़े कर रहा है.
यह रिपोर्ट पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच एक गंभीर आर्थिक संकट और गिरते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच अगले सप्ताह शुरू होने वाली वर्चुअल वार्ता के पहले आई है. जियो न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान ने इस प्रक्रिया को देखने और अपनी नौवीं समीक्षा पूरी करने के लिए आईएमएफ को एक आधिकारिक ईमेल भेजा है, जो उसके पक्ष में लंबित है.
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अगले कुछ हफ्तों में आईएमएफ कार्यक्रम फिर से शुरू नहीं हुआ तो पाकिस्तान और गहरे दलदल में धंस सकता है.
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