Flex Fuel Car: मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) फ्लेक्स फ्यूल पर चलने वाली वैगनआर ले आई है. यानी कार को E20 (जिस पेट्रोल में 20% इथेनॉल हो) और E85 (जिस पेट्रोल में 85% इथेनॉल हो) के बीच के इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण पर चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
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Flex Fuel WagonR in India: देश की सबसे बड़ी कार मेकर कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) फ्लेक्स फ्यूल पर चलने वाली वैगनआर ले आई है. फ्लेक्स फ्यूल का मतलब है कि इसे पेट्रोल और इथेनॉल के मिश्रण पर काम करने के लिए तैयार किया गया है. कंपनी ने अपनी इस वैगनआर का प्रोटोटाइप मॉडल दिल्ली में हुए SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के एक इवेंट में पेश किया है. कार को E20 (जिस पेट्रोल में 20% इथेनॉल हो) और E85 (जिस पेट्रोल में 85% इथेनॉल हो) के बीच के इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण पर चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस वैगनआर का अनावरण किया गया.
क्या होता है Flex Fuel?
फ्लेक्स-फ्यूल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. यही वजह है कि इसे वैकल्पिक ईंधन भी कहा जाता है. यह पेट्रोल और इथेनॉल के मिश्रण से तैयार किया जाता है. फ्लेक्स फ्यूल इंजन पूरी तरह से पेट्रोल या फिर इथेनॉल पर भी चल सकते हैं. फ्लेक्स (Flex) अंग्रेजी के शब्द फ्लेक्सिबल (Flexible) से लिया गया है.
इसी टेक्नोलॉजी पर काम करते हुए मारुति ने इस वैगनआर को पेश किया, जो कुछ सालों में आम जनता के लिए लॉन्च की जाएगी. मारुति सुजुकी के अनुसार, वे इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक, सीएनजी, बायो-गैस, इथेनॉल, फ्लेक्स-फ्यूल समेत विभिन्न टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं. कंपनी ने पहले ही मार्च 2023 तक अपने सभी मॉडल्स को ई20 फ्यूल के अनुरूप बनाने की घोषणा कर दी है.
गडकरी ने गिनाए Flex Fuel के फायदे
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिये एक से अधिक ईंधन पर चलने वाली गाड़ियों (फ्लेक्स फ्यूल) और ई-वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है. गडकरी ने कहा कि देश में 40 प्रतिशत प्रदूषण का कारण पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन हैं.
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