दिल्ली-मुंबई नहीं, भारत के इस शहर में सबसे ज्यादा भीड़-भाड़, बैलगाड़ियों की तरह है गाड़ियों की रफ्तार!
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दिल्ली-मुंबई नहीं, भारत के इस शहर में सबसे ज्यादा भीड़-भाड़, बैलगाड़ियों की तरह है गाड़ियों की रफ्तार!

India's Most Congested City: कोलकाता में 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन 34 मिनट और 33 सेकंड का समय लगता है. वहीं, बेंगलुरु में यह समय थोड़ा कम 34 मिनट और 10 सेकंड है.

दिल्ली-मुंबई नहीं, भारत के इस शहर में सबसे ज्यादा भीड़-भाड़, बैलगाड़ियों की तरह है गाड़ियों की रफ्तार!

Tomtom Reports: भारत में सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ और ट्रैफिक समस्या की बात आती है तो आमतौर पर हम दिल्ली-मुंबई या बेंगलुरु शहर का का नाम लेते हैं. लेकिन एक नई रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता को साल 2024 में भारत का सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाला शहर बताया गया है. 

डच लोकेशन टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ टॉमटॉम द्वारा जारी ट्रैफिक इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता में 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन 34 मिनट और 33 सेकंड का समय लगता है. वहीं, बेंगलुरु में यह समय थोड़ा कम 34 मिनट और 10 सेकंड है. इससे पहले के वर्षों में बेंगलुरु को भारत का सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाला शहर माना जाता था, लेकिन 2024 में कोलकाता ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.

कोलकाता में रफ्तार सिर्फ 17.4 किमी प्रति घंटा

2024 में कोलकाता में औसत गाड़ी की रफ्तार केवल 17.4 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो भारत में सबसे धीमी है. बेंगलुरु में यह रफ्तार 17.6 किमी प्रति घंटा थी. वहीं, पुणे में 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में 33 मिनट और 22 सेकंड लगते हैं.

ग्लोबल रैंकिंग में भी कोलकाता टॉप पर

ग्लोबल स्तर पर भी कोलकाता को दूसरे स्थान पर रखा गया है. जबकि बेंगलुरु और पुणे क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान हैं. कोलंबिया के बैरेंक्विला शहर को दुनिया का सबसे धीमा शहर घोषित किया गया, जहां औसतन 10.3 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चलती हैं.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि हैदराबाद, चेन्नई और मुंबई जैसे शहरों में भी ट्रैफिक की स्थिति चिंताजनक है. इन शहरों में 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन 32, 30 और 29 मिनट का समय लगता है. वहीं, दिल्ली में यह समय अपेक्षाकृत काफी कम केवल 23 मिनट है.

क्या है इसका समाधान?

टॉमटॉम के ट्रैफिक वाइस प्रेसीडेंट राल्फ-पीटर शैफर का कहना है कि ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण पुरानी सड़कें, अव्यवस्थित शहरी नियोजन और शहरीकरण की बढ़ती मांगें हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर सड़क ढांचा, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के व्यापक उपयोग से इस समस्या को काफी हद तक सुलझाया जा सकता है.

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