Income Tax: सीबीडीटी (CBDT) के आंकड़ों के अनुसार, नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 8.74 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा. इसके साथ ही कुल प्राप्तियां थोड़ी कम होकर 20.3% से घटकर 19.94% हो गई है.
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Direct Tax Collections: देश में डायरेक्ट टैक्स (जैसे इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स) की कुल वसूली में पिछले महीने थोड़ी सी गिरावट आई है. 12 जनवरी तक यह वृद्धि 15.88% हो गई, जो कि 17 दिसंबर तक 16.5% थी. इस बीच 12 जनवरी तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन मौजूदा वित्त वर्ष में अबतक 15.88 प्रतिशत बढ़कर करीब 16.90 लाख करोड़ रुपये रहा है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के आंकड़ों के अनुसार, नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 8.74 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा. इसके साथ ही कुल प्राप्तियां थोड़ी कम होकर 20.3% से घटकर 19.94% हो गई है.
एसटीटी कलेक्शन 44538 करोड़ रुपये रहा
इसमें मुख्य रूप से पर्सनल इनकम टैक्स शामिल है. चालू वित्त वर्ष में अबतक (12 जनवरी, 2025 तक) नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन करीब 7.68 लाख करोड़ रुपये रहा है. वहीं शुद्ध रूप से प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) कलेक्शन 44,538 करोड़ रुपये रहा है. इस दौरान 3.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ‘रिफंड’ जारी किए गए. यह एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 42.49 प्रतिशत ज्यादा है. 1 अप्रैल से 12 जनवरी के बीच कुल टैक्स कलेक्शन 20 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.
पर्सनल इनकम टैक्स और अन्य टैक्स शामिल
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट रखा है. इसमें 10.20 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन, 11.87 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स और अन्य टैक्स शामिल हैं. सीबीडीटी की तरफ से जारी किये गए आंकड़ों से पता चलता है कि कुल टैक्स रिसीप्ट 20.64 लाख करोड़ रुपये थीं. इसमें कॉर्पोरेट टैक्स से 47.07% और नॉन -कॉर्पोरेट टैक्स से 50.6% से ज्यादा रेवेन्यू मिला.
सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) से प्राप्तियां धीमी हुई हैं. 12 जनवरी तक यह 75.24% बढ़ी, जो 17 दिसंबर, 2024 तक 85.5% थी. इसका मतलब है कि शेयर बाजार में कारोबार की मात्रा कम हो रही है, क्योंकि शेयरों के मूल्य में गिरावट आ रही है. STT से प्राप्तियां 44,538 करोड़ रुपये थीं, जो एक महीने पहले 40,100 करोड़ रुपये और एक साल पहले 25,415 करोड़ रुपये थीं. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू 17.7% बढ़कर 19.58 लाख करोड़ रुपये हो गया था. इसमें, पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) का हिस्सा बढ़कर 53.3% हो गया, जो पिछले साल 50.06% था.