Stock Market Crash: आज घरेलू बाजार के साथ ही ग्लोबल मार्केट भी क्रैश हो गए हैं. आज के कारोबार के बाद सेंसेक्स 1628.01 अंक यानी 2.23 फीसदी की गिरावट के साथ 71,500.76 के लेवल पर क्लोज हुआ है. आज बाजार में आई बड़ी गिरावट के क्या कारण हैं-
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Stock Market Crash: शेयर मार्केट में साल 2024 की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आज घरेलू बाजार के साथ ही ग्लोबल मार्केट भी क्रैश हो गए हैं. आज के कारोबार के बाद सेंसेक्स 1628.01 अंक यानी 2.23 फीसदी की गिरावट के साथ 71,500.76 के लेवल पर क्लोज हुआ है. इसके अलावा निफ्टी इंडेक्स 460.35 अंक यानी 2.09 फीसदी की गिरावट के साथ 21,571.95 के लेवल पर बंद हुआ है. आज बाजार में आई बड़ी गिरावट के क्या कारण हैं-
आइए आपको बताते हैं बाजार में गिरावट क्या बड़े कारण हैं-
1. HDFC Bank की वजह से फिसला बाजार
निफ्टी की 250 अंकों की गिरावट में अकेले HDFC Bank का 167 अंकों का योगदान रहा, जो बाजार में गिरावट का सबसे बड़ा कारण है. दिसंबर तिमाही के रिजल्ट के बाद आज बुधवार को HDFC Bank का शेयर 8.16 फीसदी फिसलकर 1,542.15 के लेवल पर क्लोज हुआ है. बैंक के नेट प्रॉफिट में 34 फीसदी के इजाफे के बाद भी शेयरों में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली है. टॉप ब्रोकरेज हाउस CLSA और मॉर्गन स्टेनली ने बैंक की लोन ग्रोथ और लोअर लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो को लेकर चिंता जताई है.
2. एक महीने के रिकॉर्ड पर डॉलर इंडेक्स
डॉलर एक महीने के रिकॉर्ड लेवल पर
जब भी डॉलर इंडेक्स में इजाफा होता है तब क्रूड ऑयल और अन्य कमोडिटी के रेट्स भी बढ़ जाते हैं. इससे हमारी इंपोर्ट कॉस्ट बढ़ती है और करंट अकाउंट डेफिसिट में इजाफा होता है. फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर की टिप्पणी से मार्च में दर में कटौती की उम्मीदें कम होने से बुधवार को डॉलर इंडेक्स अन्य करेंसी की तुलना में एक महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने कहा कि हालांकि इस साल ब्याज दरों में कटौती की संभावना है, लेकिन केंद्रीय बैंक अल्पावधि में इस पर कोई विचार नहीं कर रहा है.
3. ब्याज दरों का असर
सीएमई फेडवॉच टूल के मुताबिक, बाजार में मार्च में फेड रेट में कटौती की संभावना 65 फीसदी है, जबकि सप्ताह की शुरुआत में संभावना 81 फीसदी थी.
4. ग्लोबल मार्केट में गिरावट
बुधवार को दुनिया भर के शेयरों में गिरावट आई क्योंकि बाजार केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीदों और चीन के लिए खराब आर्थिक सुधार के संकेतों से जूझ रहे हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 में चीन की अर्थव्यवस्था 5.2 फीसदी बढ़ी, जो आधिकारिक लक्ष्य से थोड़ी ज्यादा है. वहीं, एक्सपर्ट की उम्मीद से कहीं ज्यादा सुधार हुआ है.