Sanjay Nirupam Education: कितने पढ़े लिखे हैं संजय निरुपम जिनको कांग्रेस ने कर दिया 6 साल के लिए बाहर?
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Sanjay Nirupam Education: कितने पढ़े लिखे हैं संजय निरुपम जिनको कांग्रेस ने कर दिया 6 साल के लिए बाहर?

Sanjay Nirupam Political Career: साल 2009 से लेकर 2014 तक नॉर्थ मुंबई लोक सभा क्षेत्र से सांसद रहे. इसके बाद जब 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ तो बीजेपी के गोपाल सेट्टी ने संजय निरुपम को हरा दिया. 

Sanjay Nirupam Education: कितने पढ़े लिखे हैं संजय निरुपम जिनको कांग्रेस ने कर दिया 6 साल के लिए बाहर?

Sanjay Nirupam: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई फेरबदल हो रहे हैं. अब नया ये है कि कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस ने निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है. आज यहां हम संजय निरुपम के करियर के बारे में बात कर रहे हैं कि वह कितने पढ़े लिखे हैं उनका अब तक का रजनीतिक करियर कैसा रहा है.

कहां से और कितनी की है पढ़ाई

सबसे पहले संजय निरुपम की पढ़ाई की बात करते हैं. संजय निरुपम ने  पटना के एनएन कॉलेज से बीए (ऑनर्स) किया है. पढ़ाई के बाद संजय ने जर्नलिज्म भी किया था. उनका शुरुआत में प्रोफेशन जर्नलिज्म था. वह पांचजन्य में सब एडिटर रहे. इसके अलावा दोपहर का सामना के कार्यकारी संपादक रहे और जनसत्ता में भी काम किया. साल 2008 में संजय निरुपम बिग बॉस में भी जा चुके हैं इसके अलावा उनको करंट टॉपिक्स पर आर्टिकल और कविताएं भी लिखने का शौक है. 

कब और कहां  हुआ था जन्म

संजय निरुपम का जन्म 06 फरवरी 1965 को बिहार के रोहतास में हुआ था. इनके पिता का नाम ब्रिज किशोर लाल और माता का नाम प्रेम देवी है. उनकी शादी गीता निरुपम से 10 अक्टूबर साल 1989 में हुई थी. दोनों की एक बेटी भी है.  

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राजनीतिक करियर

साल 2009 से लेकर 2014 तक नॉर्थ मुंबई लोक सभा क्षेत्र से सांसद रहे. इसके बाद जब 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ तो बीजेपी के गोपाल सेट्टी ने संजय निरुपम को हरा दिया. उन्हें साल 2015 में मुंबई रीजनल कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. चुनाव में खराब नतीजों के कारण संजय निरुपम ने मुंबई कांग्रेस पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया.

संजय निरुपम पहली बार 1996 में राज्य सभा के लिए चुने गए थे. वह साल 1996 से फरवरी 2004 तक उद्योग समिति के सदस्य रहे. इसके साथ साथ ही वह 1998-99 में विदेश मंत्रालय सलाहकार समिति के सदस्य, संवैधानिक और संसदीय अध्ययन संस्थान कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे.

साल 2010 में मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य बने. इसके अलावा वह 2010 में ही इंडिया चाइना पार्लियामेंट्री फ्रेंड्स ग्रुप के भी मेंबर रहे. 

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