Baramati Vidhan Sabha Election Result 2024: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष अजित पवार ने शनिवार को अपने भतीजे और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार को एक लाख से अधिक मतों से हरा दिया.
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Baramati Vidhan Sabha Election Result 2024: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष अजित पवार ने शनिवार को अपने भतीजे और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार को एक लाख से अधिक मतों से हरा दिया. पिछले साल अपने चाचा शरद पवार से अलग हुए अजित पवार ने पुणे जिले में स्थित अपने पारिवारिक गढ़ बारामती से आठवीं बार चुनाव लड़ा और उन्हें 1,81,132 वोट मिले, जबकि युगेंद्र पवार को 80,233 वोट हासिल हुए. इस तरह अजित पवार ने अपने छोटे भाई के बेटे युगेंद्र को 1,00,899 के अंतर से हरा दिया.
चुनाव प्रचार के दौरान कोई कसर नहीं छोड़ी
राकांपा के दोनों गुटों ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कोई कसर नहीं छोड़ी और यहां तक कि शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार और सुले की बेटी रेवती भी युगेंद्र के लिए प्रचार करती नजर आईं, जबकि अजित पवार बारामती में अपनी समापन रैली के दौरान अपनी मां को मंच पर लेकर आए थे.
UPDATES:
अजित पवार के चुनाव प्रभारी किरण गूजर का दावा
निर्वाचन आयोग की ओर से मुहैया करायी गई नवीनतम जानकारी के अनुसार, बारामती से आठवीं बार चुनाव लड़ रहे अजित पवार को 1,29,993 वोट मिले हैं, जो पहली बार चुनाव लड़ रहे युगेंद्र पवार से 72,809 वोट अधिक हैं. युगेंद्र पवार को 14 दौर की मतगणना के बाद 57,184 वोट मिले हैं. अजित पवार के चुनाव प्रभारी किरण गूजर ने दावा किया कि 20 दौर में से 18वें दौर की मतगणना के बाद राकांपा प्रमुख ने 88,782 मतों की बढ़त हासिल कर ली है.
चाचा पर भारी भतीजा
महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को चुनाव हुए थे और शनिवार को मतगणना जारी है. ताजा रुझानों के अनुसार, अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा महाराष्ट्र में प्रभावशाली प्रदर्शन की ओर बढ़ रही है, पार्टी 36 सीट पर आगे है और चार पर जीत दर्ज कर ली है. इसके विपरीत, शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा 11 सीट पर आगे है और एक पर जीत दर्ज कर चुकी है.
सुनेत्रा पवार ने बारामती के लोगों को धन्यवाद दिया
अजित पवार की पत्नी एवं राज्यसभा सदस्य सुनेत्रा पवार ने बारामती के लोगों को धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि अजित की जीत का अंतर एक लाख से अधिक हो जाएगा. सुनेत्रा पवार ने कहा, ‘‘मैं बारामती के लोगों का एक बार फिर अजित पवार पर भरोसा जताने और उनके पीछे एकजुट होने के लिए आभारी हूं. उन्होंने दिखाया कि बारामती उनका परिवार है.’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार की जीत बारामती में उनके द्वारा किए गए विकास की स्वीकृति है.
अजित पवार का दबदबा
उल्लेखनीय है कि 2019 के चुनाव में अजित पवार ने बारामती निर्वाचन क्षेत्र में 1,65,265 के उच्चतम अंतर से जीत हासिल की थी. पुणे जिले में एक अन्य महत्वपूर्ण मुकाबले में, राज्य में सत्तारूढ़ महायुति में शामिल राकांपा उम्मीदवार एवं विधायक दिलीप वलसे पाटिल ने अंबेगांव निर्वाचन क्षेत्र में 16वें दौर की मतगणना के बाद राकांपा (शरद चंद्र पवार) देवदत्त निकम से 2,542 मतों की बढ़त बना ली है.
हर्षवर्धन पाटिल पीछे
वलसे पाटिल को 87,595 और निकम को 85,053 वोट मिले. चुनाव से पहले भाजपा छोड़ने वाले एवं राकांपा (शरद चंद्र पवार) उम्मीदवार हर्षवर्धन पाटिल इंदापुर में अपने राकांपा प्रतिद्वंद्वी और सत्तारूढ़ विधायक दत्तात्रेय भरणे से पीछे हैं. निर्वाचन आयोग की ओर से मुहैया करायी गई नवीनतम जानकारी के अनुसार, भरणे को 60,925 वोट और पाटिल को 45,266 वोट मिले हैं.
एनसीपी का गढ़ रही है बारामती सीट
बारामती विधानसभा सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी (NCP) का गढ़ रही है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अजित पवार (AJit Pawar) जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस सीट पर इस बार चाचा और भतीजे के बीच मुकाबला है. एनसीपी से अजित पवार चुनावी मैदान में हैं, जबकि शरद पवार की एनसीपी से युगेंद्र पवार चुनावी मैदान में हैं.
बारामती में लगे पोस्टर, अजित पवार को बताया 'भावी मुख्यमंत्री'
बारामती में कुछ पोस्टर्स लगे हैं जिसमें लिखा है प्रदेश के अगले सीएम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजित पवार होंगे. पोस्टर ऐसे समय में लगाया गया है, जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और अजित पवार की मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को लेकर चर्चा हो रही है. इन पोस्टरों के जरिए यह संकेत दिया जा रहा है कि अजित पवार को पार्टी और समर्थकों की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
अलग-अलग जगह लगे इन पोस्टर में लिखा गया है कि अजित पवार का लगातार आठवीं बार विधायक चुनकर आने के लिए अभिनंदन. अजित पवार महाराष्ट्र में चार बार के उपमुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री बनने की इच्छा वो कई बार मंच से कर चुके हैं. चाचा शरद पवार से अलग होने के बाद पवार और उनके कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि प्रदेश की कमान उन्हें सौंपी जाए.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)