बांग्लादेश में तख्तापलट और सैफ पर हमले के बीच कनेक्शन? 'पिशाच पड़ोसी' का ऑपरेशन 'M स्टार'... साजिश गहरी है
Advertisement
trendingNow12608501

बांग्लादेश में तख्तापलट और सैफ पर हमले के बीच कनेक्शन? 'पिशाच पड़ोसी' का ऑपरेशन 'M स्टार'... साजिश गहरी है

Bangladesh and Saif Ali Khan: बांग्लादेश में तख्तापलट और सैफ पर हमले के बीच एक और गजब का संयोग दिखा है. 6 महीने पहले ही तख्तापलट के बाद यूनुस सरकार गठित हुए और बताया जा रहा है कि सैफ पर हमला करने वाला शहजाद भी पिछले 6 महीने से मुंबई में रह रहा था. 

बांग्लादेश में तख्तापलट और सैफ पर हमले के बीच कनेक्शन? 'पिशाच पड़ोसी' का ऑपरेशन 'M स्टार'... साजिश गहरी है

दिन रात दौड़ती मायानगरी मुंबई और मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा पश्चिम इलाके में मौजूद है एक्टर सैफ अली खान का घर. जिनपर 15 जनवरी की रात करीब 2 बजे जानलेवा हमला हुआ. ये बात तो अब देश का बच्चा-बच्चा जान चुका है. मगर आज हम आपको इस हमले का वो एंगल बताने जा रहे हैं. जो आपके लिए बिल्कुल नया है और ये नया एंगल किसी के भी होश उड़ा सकता है. इसे नाम दिया गया है- ऑपरेशन  'M स्टार'

क्या है ऑपरेशन 'M स्टार'

जी हां...ऑपरेशन  'M स्टार'....क्योंकि भारत के खिलाफ इंटरनेशनल स्तर पर जब भी साज़िश रची जाती है तो इसके पीछे पाकिस्तान और चीन का नाम सबसे पहले आते है. मगर इन दोनों ही नामों को आप कुछ देर के लिए भूल जाइये, क्योंकि 
सैफ अली खान पर हमले के मामले में बांग्लादेश सबसे बड़ा विलेन बनकर उभरा है.

अब सवाल ये है कि आखिर बांग्लादेश कैसे? ऑपरेशन 'M स्टार' क्या है?और क्या कहानी है पिशाच पड़ोसी की?

ध्यान से समझिए सैफ अली खान पर हमले के आरोप में जिसे पकड़ा गया, उसका पूरा नाम शरीफुल इस्लाम उर्फ शहज़ाद है. ये शहजाद का सिर्फ अधूरा परिचय है. उसकी असली पहचान ये है कि वो बांग्लादेशी है और करीब 6 महीने पहले ही मुंबई आया था.

लेकिन सवाल ये है कि आखिर वो बांग्लादेश से 2350 किलोमीटर दूर मुंबई क्यों आया? लगभग ऐसे वक्त में जब भारत में बांग्लादेशी घुसपैठिओं के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है? इसके बावजूद क्या उसे किसी ऐसी साज़िश के तहत मुंबई भेजा गया? जिसकी सैफ अली खान सिर्फ एक कड़ी भर है. कहीं ऐसा तो नहीं कि सैफ अली खान पर हमला महज़ एक प्रयोग भर था और साज़िश के तार इससे कहीं ज़्यादा गहरे हों.

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जिस तरह शहजाद ने इस हमले को अंजाम दिया. वो आसान नहीं था. हाई सिक्योरिटी अपार्टमेंट में बांग्लादेशी घुसपैठिया शहजाद ना केवल 12वीं मंजिल तक पहुंचा. बल्कि उसने हमले को अंजाम भी दे दिया. इससे एक बात साफ हो गई कि अगर कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया सैफ अली खान के घर में घुसकर उनपर हमला कर सकता है, तो फिर वो कहीं भी और कभी भी और किसी पर भी हमला कर सकता है.

गौर करने वाली बात ये है कि जब से बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख़्तापलट हुआ है, तब से बांग्लादेश की धरती से भारत के मुस्लिम फिल्म स्टार्स को लेकर एक ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है. ताकि इसे मुद्दा बनाकर भारत को घेरा जाए. मुमकिन है इसी वजह से  पहला टारगेट सैफ अली खान को बनाया गया.

डर है कि अगर बांग्लादेश की मंशा यही है तो दूसरा टारगेट सलमान खान हो सकते हैं, क्योंकि पिछले काफी वक्त से सलमान खान को भी धमकियां दी जा रही हैं. हो सकता है कि लॉरेंस विश्नोई की आड़ में बांग्लादेश से ही इसकी साज़िश रची जा रही हो. अरब देशों में मजबूत पैठ रखने वाले शाहरुख़ खान तीसरा टारगेट हो सकते हैं. जिनके खिलाफ रची गई कोई भी साज़िश भारत की अरब मुल्कों में छवि खराब कर सकती है.

कुछ जानकार भी ये मानते हैं कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को हमले के लिए आसानी से बरगलाया जा सकता है. क्योंकि NCRB के आंकड़े बताते हैं कि भारत में क्राइम बढ़ाने में इन बंग्लादेशी घुसपैठियों की बड़ी भूमिका रही है. ये गरीब तबके से आते हैं, लिहाज़ा इन्हें पैसों का लालच दिखाकर कोई भी अपराध करने को मजबूर किया जा सकता है.

NCRB के मुताबिक बांग्लादेशी घुसपैठिए आमतौर पर 3 तरह के क्राइम में लिप्त पाए जाते हैं.

नंबर-1 वेश्यावृति.....नंबर चोरी और लूटपात और नंबर 3 नशीले पदार्थों की तस्करी

इनका ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए एक बार पकड़े जाने के बाद भी अपने गुनाह से तौबा नहीं करते हैं. बल्कि लगातार क्राइम की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. सैफ मामले में आरोपी शहज़ाद ने खुलासा किया है कि उसका मकसद चोरी नहीं था तो क्या ये मान लिया जाए कि सैफ अली खान पर हमला ही उसका एकमात्र मकसद था?

क्या इस साज़िश के पीछे शहजाद अकेला है? या 100 बांग्लादेशी शहज़ाद अभी भी मुंबई में छिपे हुए हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि इनकी तादाद 1000 तक हो.

मुंबई पुलिस की ड्राइव

मुंबई पुलिस के एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 3 साल में 928 बांग्लादेशी घुसपैठिओं को गिरफ़्तार किया गया है. अगर सिर्फ 6 महीने की बात करें तो भी पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठियों की तादाद 100 से ज़्यादा है. खास बात ये कि शहज़ाद जैसे ये वो बांग्लादेशी है जो पकड़ में आ चुके हैं. ऐसे बांग्लादेशियों के बारे में तो कोई जानकारी ही नहीं जो अब भी मुंबई या देश की दूसरे शहरों में अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं.

बांग्लादेशी अपराधियों की मॉडस अप्रैंडी

2019 में गृह मंत्रालय ने संसद में एक रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें बताया गया था कि भारत में 2 करोड़ के करीब अवैध बांग्लादेशी हैं. भारत के साथ इनका कोई भावनात्मक लगाव नहीं है. लिहाज़ा इन्हें अपराध के लिए इन्हें आसानी से बरगलाया जा सकता है. भारत-बांग्लादेश का लंबा बॉर्डर है. ये बॉर्डर पर जंगल, पहाड़ और नदियों के बीच से गुजरता है. जिसका फायदा उठाकर बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में दाखिल हो जाते हैं. 

जानकारी के मुताबिक शुरुआत के करीब 6 महीने का वक्त ये बांग्लादेशी घुसपैठिए बॉर्डर से सटे इलाकों में बिताते हैं. ताकि भारतीय सांस्कृतिक और परिवेश में घुल मिल सकें. इसके लिए ये पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों में छिपकर रहते हैं. आगे ये मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों का रुख करते हैं. क्योंकि इतने वक्त में ये अपने लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर लेते हैं.

सैफ पर हमले का बांग्लादेशी कनेक्शन?

दावा किया जाता है कि देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में ये शहजाद जैसे बांग्लादेशी बड़ी संख्या में झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं. दिन के वक्त ये दिहाड़ी मजदूरी, घरेलू काम, और कंस्ट्रक्शन के काम करते हैं. मगर रात होते ही ये क्राइम को अंजाम देते हैं. ये बात दावे के साथ इसलिए कही जा रही है. क्योंकि सैफ अली खान पर हमला करने वाला बांग्लादेशी घुसपैठिया भी दिन में हाउस कीपिंग का काम करता था. 

जो मुंबई में विजय दास नाम रखकर रह रहा था. पकड़े जाने पर उसने अपना नाम मोहम्मद आलियान बताया. जब सख़्ती से पूछताछ की गई तो अपनी पहचान मोहम्मद शरीफुल इस्लाम उर्फ शहजाद बताई. अब चूंकि बांग्लादेश में शेख हसीना के जाने और यूनुस सरकार आने के बाद भारत के खिलाफ माहौल बदला है. जिसके देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. इस वजह से बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए भारत में एंट्री लेना आसान नहीं है. लिहाज़ा बांग्लादेश में छिपकर रह रहे घुसपैठियों का सहारा लिया जा रहा है. सैफ अली खान केस में पकड़ा गया शहजाद इसकी एक कड़ी भर हो सकता है.

सैफ पर चाकू से जानलेवा हमला करने वाला बांग्लादेशी निकला है. सैफ चाकूकांड के बांग्लादेशी कनेक्शन से अंतराष्ट्रीय साज़िश की बात उठने लगी है और ये पूछा जाने लगा है कि मायानगरी में इस आतंकवाद का नया अब्बा कौन है? 

'आतंकवाद का अब्बा'

मोहम्मद यूनुस, बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री, जिन्होंने तख्तापलट के साथ ही भारत और हिन्दुओं के खिलाफ खौफनाक रवैया अपनाया था. भारत विरोधी काम, हिंदुओं पर अत्याचार, भारत के मुस्लिमों को भड़काना और कट्टरता को बढ़ावा देना.

नफरत की इसी कड़ी में ये शक जताया जा रहा है कि सैफ पर हमले के पीछे बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का दिमाग है.  क्योंकि बांग्लादेश में यूनुस सरकार को कमान संभाले 6 महीने का वक्त हो चुका है. करीब-करीब इतने ही वक्त सैफ अली खान पर हमले का आरोपी शहजाद भी मुंबई में रह रहा था. ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं मोहम्मद यूनुस ही तो ऑपरेशन M-स्टार का अब्बा नहीं है?

अब ये सवाल क्यों पूछा जा रहा है. तो इसके पीछे की वजह कि हाल के दिनों में बांग्लादेश भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले उन मुल्कों की फेहरिस्त में शामिल हुआ है. जो पाकिस्तान की तरह भारत को बर्बाद होते देखना चाहते है. इसके लिए बांग्लादेश पिछले 6 महीने से हर वो काम कर रहा है. जो पाकिस्तान चाहता है, वो हूबहू वैसा भारत के खिलाफ ना केवल ज़हर उगल रहा है, बल्कि बांग्लादेश के अंदर और बाहर साज़िश भी रच रहा है.

सैफ पर हमले पीछे बांग्लादेशी सरकार की साजिश इसलिए भी मानी जा रही है, क्योंकि 6 महीनों पहले हुए तख्तापलट के बाद इस पड़ोसी मुल्क के तेवर कट्टरता के साथ-साथ जहरीले हो गए है. मंदिरों और हिंदू परिवारों पर टारगेट करके लगातार अत्याचार हो रहे है. हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं. हिंदू बहू-बेटियों के साथ बलात्कार के भी कई मामले सामने आए हैं. 

5 अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद से हिन्दू समेत बाकी अल्पसंख्यकों पर अबतक करीब 2 हजार हमले हुए है और जो अब भी जारी है. यहां तक की इस्कॉन चटगांव के प्रमुख चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह का केस लगाकर गिरफ्तार भी कर लिया है.

यूनुस सरकार इन कट्टरपंथी हमलावर को रोकने की बजाए उनके सपोर्ट करती नजर आ रही है. हिंदुओं को लेकर बांग्लादेशी कट्टरपंथियों में कितना ज़हर भरा है. इसका अंदाजा बांग्लादेश के कट्टरपंथी मौलाना फीकुल इस्लाम मदनी के उस बयान से लगाया जा सकता है कि जिसमें उसने कहा था- ' मुसलमानों! ये याद रखना की तुम्हारे सबसे बड़े दुश्मन हैं एक यहूदी और दूसरा है हिंदुत्व. मैं हिंदुत्ववादियों को चेतावनी देता हूं.'

रफीकुल इस्लाम मदनी इकलौते नहीं है, जो जहरीले बोल बोल रहे हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो बस लाठियों के सहारे दिल्ली के लाल किले पर कब्जा करने का नापाक सपना देख रहे है. इनायतुल्लाह अब्बासी तो कह चुका है कि -'कान खोल कर सुन लो हिंदुस्तान, अगर 14 करोड़ मुसलमान अपने दोनों हाथ में 28 करोड़ लाठी लेकर आ जाएं तो लाल किला कब्जा लेंगे.'

पाकिस्तान के पेट में दर्द

भारत में शेख हसीना की मौजूदगी पाकिस्तान को भी पसंद नहीं है. क्योंकि ये वही शेख हसीना है, जिनके पिता मुजीबुर्रहमान के आंदोलन के चलते पाकिस्तान 2 टुकड़ों में बंट गया था. जब तक शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थी, वो भारत के पक्ष में फैसले ले रही थीं. मगर मोहम्मद युनूस की सरकार भारत विरोधियों को पसंद करती है. इसलिए यूनुस सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया. आतंकी फंडिंग कराने वाले अब्दुस सलाम पिंटू को 17 साल की कैद के बाद छोड़ दिया. खबर तो ये भी है कि मोहम्मद यूनुस एक बड़ा आतंकी संगठन खड़ा करने का प्लान बना रहे हैं. इसे IRA यानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी का नाम दिया गया है.

बांग्लादेश में तख्तापलट और सैफ पर हमले के बीच एक और गजब का संयोग

आतंक के इस अब्बा ने बांग्लादेश संविधान बदलने की ही तैयारी कर ली है. बांग्लादेशी संविधान सुधार आयोग की सिफारिश है कि संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को हटाया जाए. यानी यूनुस सरकार, पाकिस्तान की राह पर निकल चुकी है. दावा है कि भारत में बांग्लादेशियों की घुसपैठ भी यूनुस सरकार के इसी प्लान का हिस्सा है. क्योंकि  LoC पर BSF की मुस्तैदी के कारण पाकिस्तान परस्त आतंकी बॉर्डर पार करने में कायमाब नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में भारत में टेरर फैलाने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों का चुनाव किया गया. क्योंकि सैफ पर हमले का आरोपी शहज़ाद भी पुलिस पूछताछ में ये कबूल कर चुका है कि चोरी करना उसका मकसद नहीं था.

बांग्लादेश में तख्तापलट और सैफ पर हमले के बीच एक और गजब का संयोग दिखा है. 6 महीने पहले ही तख्तापलट के बाद यूनुस सरकार गठित हुए और बताया जा रहा है कि सैफ पर हमला करने वाला शहजाद भी पिछले 6 महीने से मुंबई में रह रहा था. अगर शहजाद यूनुस का एजेंट निकला तो ये ऐसी भी संभावना है कि ऐसे हमलों के लिए यूनुस ने 6 महीने पहले ही प्लानिंग कर ली थी, ऐसी सूरत में मैटर और गंभीर हो जाएगा.

जब से बांग्लादेश की कमान युनूस के हाथ में आई है. भारत-बांग्लादेश के करीब 4000 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर घुसपैठ के मामले बढ़े हैं. मगर दिल्ली और महाराष्ट्र चुनाव में जिस तरह बांग्लादेशी घुसपैठियों को मुद्दा बनाया गया है. उससे बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों में खलबली मची है. 

किसानों को मोहरा बना रहे यूनुस?

इस बीच मालदा बॉर्डर के उसी इलाके में शनिवार सुबह दोनों देशों के किसानों के बीच जमकर बवाल कटा. जहां फेंसिंग लगाए जाने को लेकर बांग्लादेश ने कड़ी आपत्ति जताई थी. बात केवल कहासुनी तक नहीं ही बल्कि पत्थरबाजी बढ़ गई थी. समय रहते भारत की तरफ से BSF और बांग्लादेश की तरफ से बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवान बीच में आए. इसके बावजूद मामले को संभालने में करीब तीन घंटे का वक्त लगा.

पाकिस्तानी एजेंडा चलाने की साजिश करने के लिए बांग्लादेश को सैकड़ों शहजाद की जरूरत पड़ेगी. ये भी तय है कि शहजाद जैसे बांग्लादेशी बहरुपिए कभी भी कामयाब नहीं होंगे.

Trending news