Sarojini Naidu Birthday Special: देश की पहली महिला राज्यपाल और भारत की कोकिला (Nightingale of India) सरोजिनी नायडू का आज जन्मदिन है. इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's day) के रूप में भी मनाया जाता है. आज जानेंगे 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
सरोजिनी नायडू को एक बेहतरीन कवियत्री होने का गौरव तो प्राप्त है ही, साथ ही वह उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल थीं.
हैदराबाद में 13 फरवरी 1879 को जन्मीं सरोजिनी नायडू को आगे चलकर भारत की कोकिला के रूप में पहचान मिली.
सरोजिनी नायडू राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भी प्रिय शिष्या थीं. गांधी जी उनके भाषण और कविता सुनाने के अंदाज से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने सरोजिनी को 'देश की नाइटिंगेल' के खिताब से नवाजा था.
सरोजिनी नायडू हमेशा महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाती रहीं. 13 फरवरी साल 2014 से उनकी जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
सरोजिनी नायडू ने स्वतंत्रता संग्राम में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. उनके ओजस्वी विचार आज भी हमें प्रेरणा और मार्गदर्शन देते हैं. वह देश की ऐसी महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था.
सरोजिनी ने छोटी सी उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं. उनका कहना था, "यदि पुरुष देश की शान है तो महिलाएं देश की नींव हैं."
सरोजिनी ने एक कार्यकर्ता, प्रसिद्ध कवि और गीतकार के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. उन्होंने कहा था "आत्म सम्मान इंसान का सबसे बड़ा गहना होता है."
साल 1928 में जब देश में प्लेग महामारी फैली, तो उन्होंने जान की परवाह किए बगैर लोगों में मदद की और जागरूकता फैलाने का काम किया.
उन्होंने केवल 12 साल की उम्र से अपने करियर की शुरुआत की थी. आगे चलकर प्रसिद्ध लेखक के तौर पर सरोजिनी ने देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहराया था.
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