समोसा, केल, बिस्किट, ब्रेड और स्नैक्स जैसी चीजों को तैयार करने के लिए मैदे का इस्तेमाल होता है. ये चीजें भले ही कितनी भी टेस्टी क्यों न लगे, लेकिन सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं.
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What Are The Side Effects Of Fine Flour: मैदा को अंग्रेजी में रिफाइंड फ्लोर कहा जाता है.ये भारतीय भोजन का एक प्रमुख हिस्सा है. इसे विभिन्न प्रकार के बेकरी उत्पादों, स्नैक्स, और मिठाइयों में इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, मैदा का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. भारत के मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट निखिल वत्स (Nikhil Vats) ने बताया कि हमें समोसा, नमक पारे और पूड़ियां जैसे मैदे से बनी चीजें क्यों नहीं खानी चाहिए.
मैदा खाने के 5 फायदे
1. डाइजेशन पर असर
मैदा का सेवन हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए नुकसानदेह साबिक हो सकता है. ये बहुत फाइन तरीके से पिसा हुआ होता है, जिससे इसमें फाइबर की कमी होती है. जिसके कारण कब्ज और पेट की अन्य समस्याएं हो सकती हैं. मैदा खाने से पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और इससे अपच, गैस, और पेट में सूजन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
2. मोटापा
मैदा एक हाई कैलोरी डाइट है, साथ ही इसे खाने से जल्दी भूख लगती है. यह बार-बार खाने की आदत को बढ़ावा देता है, जिससे कैलोरी का सेवन अधिक हो जाता है और वजन बढ़ने लगता है. मैदा के उत्पाद जैसे ब्रेड, बिस्किट, और केक आदि में अतिरिक्त शुगर और फैट भी होता है, जो मोटापे का प्रमुख कारण बनता है.
3. ब्लड शुगर लेवल पर असर
मैदा में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है. ये डायबिटीज के मरीजों के लिए खास तौर से नुकसानदेह है. मैदा खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
4. पोषक तत्वों की कमी
मैदा को तैयार करने के दौरान इसके ज्यादातर पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. इसमें विटामिन, मिनरल्स, और फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है. इसके बजाय ये सिर्फ कैलोरी देता है, जिससे शरीर में जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है.इसका लगातार सेवन कुपोषण का कारण बन सकता है, जिससे थकान, कमजोरी, और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है.
5. हार्ट डिजीज का खतरा
मैदा से बने उत्पादों में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, जो हृदय के लिए हानिकारक हो सकती है. ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा सकता है और धमनियों में प्लाक जमा होने का खतरा बढ़ा सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.