महाराष्ट्र में सरकार के बाद अब यहां टिकी हैं अमित शाह की निगाहें, ठाकरे के लिए बड़ी चुनौती
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महाराष्ट्र में सरकार के बाद अब यहां टिकी हैं अमित शाह की निगाहें, ठाकरे के लिए बड़ी चुनौती

Amit Shah Mumbai Tour: अमित शाह हर साल गणेश चतुर्थी समारोह के लिए मुंबई जाते हैं. इस बार भी वो 5 सितंबर को मुंबई दौरे पर जाने वाले हैं. इस दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

महाराष्ट्र में सरकार के बाद अब यहां टिकी हैं अमित शाह की निगाहें, ठाकरे के लिए बड़ी चुनौती

Amit Shah Mumbai Tour: महाराष्ट्र में गणेश उत्सव का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इसे देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है. ऐसे में इस साल महाराष्ट्र का गणेश उत्सव और खास होने जा रहा है. इसकी 2 वजहें हैं. एक तो कोरोना के 2 साल बाद अब पहला बड़ा आयोजन होगा. दूसरा इसे राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है, जिसमें कि हाल ही सत्ता परिवर्तन हुआ है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मुंबई दौरे पर जा रहे हैं.

ऐसे वक्त में हो रही है यात्रा

वैसे तो अमित शाह हर साल गणेश चतुर्थी समारोह के लिए मुंबई जाते हैं. इस बार भी वो 5 सितंबर को मुंबई दौरे पर जाने वाले हैं. बता दें कि इस बार गणेश चतुर्थी उत्सव 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच मनाया जा रहा है. ऐसे में शाह की मुंबई यात्रा के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि शाह अपनी मुंबई यात्रा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं. हालांकि शाह बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आगामी चुनाव के चलते मुंबई जा रहे हैं. यही उनके दौरे का मुख्य कारण है.

मुंबई जाने के कई कारण

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि शाह पार्टी की महाराष्ट्र और मुंबई इकाई के नेताओं के साथ सिलसिलेवार बैठक करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'जब मोदी और शाह की बात आती है, तो फिर कोई छुट्टी नहीं होती है. इसलिए, अगर ऐसा लगता है कि वह लालबागचा राजा [मुंबई के सबसे पुराने गणेश मंडलों में से एक] की पूजा करने के लिए मुंबई आ रहे हैं, तो वह राज्य कोर कमेटी टीम के साथ कई बैठकें करेंगे.' 

इसलिए अहम है BMC चुनाव

सूत्रों ने कहा कि शाह अगले 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के रोडमैप पर भी चर्चा करेंगे. लेकिन फोकस बीएमसी के 227 वार्डों पर होगा. सूत्रों के मुताबिक राज्य के नेताओं के साथ उनकी बैठक का उद्देश्य दुनिया की सबसे अमीर नगरपालिका यानी बीएमसी की लड़ाई में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का मुकाबला करने के लिए कैडर को सक्रिय करना है. बता दें कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर रुका हुआ चुनाव जनवरी-फरवरी 2023 में होने की संभावना है.

ठाकरे परिवार के लिए बड़ी चुनौती

गौरतलब है कि शिवसेना और भाजपा गठबंधन के चलते पिछले 30 सालों से BMC का कंट्रोल स्वतंत्र रूप से शिवसेना के पास ही है. लेकिन अब महाराष्ट्र की सियासी स्थिति बदल चुकी और जंग आरपार की है. सीएम एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना के मुंबई के कई विधायकों ने भी अपना पाला बदला है. ऐसे में भाजपा उद्धव ठाकरे को यहां भी शिकस्त देने की तैयारी में है. राजनीतिक जानकार शिवसेना को मोटे तौर पर मुंबई की पार्टी के रूप में देखते हैं. इसलिए आगामी चुनाव बताएंगे कि किसमें कितना है दम! 

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