झारखंड के इन गांवों में बेटी ब्याहना नहीं चाहता कोई, कारण जान हैरान हो जाएंगे आप
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1572803

झारखंड के इन गांवों में बेटी ब्याहना नहीं चाहता कोई, कारण जान हैरान हो जाएंगे आप

झारखंड के कई ऐसे गांव हैं जहां लोग अपनी बेटी की शादी करने से बचते हैं. इन गांवों के लड़के कुंवारे हैं. यहां इसकी सबसे बड़ी वजह पानी की कमी है. पानी की कमी से यूं तो झारखंड के कई इलाके के लोग परेशानी में हैं लेकिन इस इलाके में तो अंतिम संस्का के लिए भी टैंकर लगाकर अंतिम संस्कार किया जाता है.

(फाइल फोटो)

धनबाद: झारखंड के कई ऐसे गांव हैं जहां लोग अपनी बेटी की शादी करने से बचते हैं. इन गांवों के लड़के कुंवारे हैं. यहां इसकी सबसे बड़ी वजह पानी की कमी है. पानी की कमी से यूं तो झारखंड के कई इलाके के लोग परेशानी में हैं लेकिन इस इलाके में तो अंतिम संस्का के लिए भी टैंकर लगाकर अंतिम संस्कार किया जाता है. मतलब मरने के बाद भी यहां पानी टैंकर के जरिए ही नसीब होता है. 

हम झारखंड के निरसा विधानसभा की बात कर रहे हैं, यहां के कई गांवों में यह समस्या आम है. ऐसे में यहां के युवाओं की शादी में पानी ही बाधा बन रहा है. बता दें कि गर्मी के मौसम में तो इन गांवों में शादी ना के बराबर होती है. 

ऐसे में लड़की के परिवार वाले इन गांवों में अच्छा घर-परिवार मिलने के बाद भी अपनी बेटी की शादी इन गांवों में करने से बचते हैं. इन गांवों के लोग तो चुआं का पानी पीने को बाध्य हैं. यहां निरसा विधानसभा में पानी की समस्या दूर करने के लिए 700 करोड़ की लागत से निरसा-गोविंदपुर मल्टी विलेज वाटर सप्लाई योजना का काम आज भी अधूरा है. धनबाद जिले के अंतर्गत पड़ने वाला यह विधानसभा क्षेत्र आज भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इस परियोजना के अधूरा रहने के कारण कई पंचायतों में पानी की समस्या चरम पर है. बता दें कि उबचूड़िया, खुसरी, निरसा मध्य, निरसा दक्षिण, मदनपुर पंचायत सहित कई और पंचायतों के लोग आज भी पेयजल की समस्या का सामना कर रहे हैं. 

निरसा प्रखंड में कुल 1600 चापाकल लगाए गए हैं जिसमें से 900 चालू अवस्था में हैं. अभी तक बंद पड़े चापाकल को ठीक कराने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है. यहां के अधिकांश क्षेत्र कोल बेयरिंग होने के कारण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां का जलस्तर काफी नीचे है. इलाके में लगाए गए सोलर सिस्टम पंप भी काम नहीं कर रहे हैं. यहां बंद पड़े खदानों में जमा पानी पर निर्भरता लोगों की है. यहां इलाके में जब तक जलमीनार और पाइप लाइन बिछाने की योजना को पूरा नहीं किया जाता यहां जल समस्या गंभीर बनी रहेगी. 

मानसून का विलंब से आना या फिर कन बारिश इन लोगों के लिए परेशानी बढ़ा देती है. इसके चलते गांव-गांव में पानी की समस्या बनी रहती है. इलाके के तालाब और नदियों में पानी का जलस्तर या तो कम है या ये सूख चुके हैं. इस संकट को लेकर प्रशासन भी सजग नहीं है. पानी की सप्लाई के लिए जो ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं उसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां बराबर मशीने खराब रहती हैं और पानी की सप्लाई बाधित रहती है. गर्मी जल्द ही अपना रंग दिखाने वाली है. ऐसे में अगर सही समय पर इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो फिर परेशानी और बढ़ जाएगी. 

ये भी पढ़ें- इस महाशिवरात्रि झारखंड और बिहार के इन शिव मंदिरों में करें जलाभिषेक, मिलेगा मोक्ष

Trending news