Kurhani By Election: मोकामा और गोपालगंज से अधिक मायने रखता है कुढ़नी उपचुनाव, जानिए क्यों
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Kurhani By Election: मोकामा और गोपालगंज से अधिक मायने रखता है कुढ़नी उपचुनाव, जानिए क्यों

 Kurhani By Election Result: मोकामा और गोपालगंज, इन दोनों विधानसभा सीटों पर महीने भर पहले ही उपचुनाव हुए हैं. ये दोनों चुनाव ऐसे समय पर हुए जबकि बिहार में सत्ता परिवर्तन तो हुआ था, बल्कि साथ परिवर्तन भी हो गया था

Kurhani By Election: मोकामा और गोपालगंज से अधिक मायने रखता है कुढ़नी उपचुनाव, जानिए क्यों

मुजफ्फरपुरः Kurhani By Election Result: कुढ़नी में उपचुनाव को लेकर बिहार की निगाहें इसी विधानसभा सीट पर टिकी हुई हैं. यहां 23 राउंड की मतगणना होनी है, जिसमें शुरुआती 6 चरणों में तो भाजपा आगे रही, लेकिन इसके बाद के राउंड में जेडीयू आगे बढ़त बनाई हुई है. हो सकता है कि मतगणना पूरी होते-होते चुनावी ऊंट किसी और ही करवट जा बैठे, लेकिन कौन हारा-कौन जीता ये बताया जाए इससे पहले इस पर बात कर लेना जरूरी हो जाता है कि आखिर कुढ़नी का ये उपचुनाव मोकामा और गोपालगंज से अधिक महत्व क्यों रखता है. 

मोकामा और गोपालगंज चुनाव
मोकामा और गोपालगंज, इन दोनों विधानसभा सीटों पर महीने भर पहले ही उपचुनाव हुए हैं. ये दोनों चुनाव ऐसे समय पर हुए जबकि बिहार में सत्ता परिवर्तन तो हुआ था, बल्कि साथ परिवर्तन भी हो गया था. नीतीश कुमार की जेडीयू जिसकी निष्ठा भाजपा के साथ थी, उसने एक झटके में साथ छुड़ाकर राजद से गठबंधन जोड़ लिया और महागठबंधन में शामिल होकर सत्ता में बनी रही. सीएम की कुर्सी पर भले ही नीतीश बैठे, लेकिन राज्य में निजाम बदल गया. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मोकामा और गोपालगंज पहले चुनाव के तौर पर सामने आए और लिटमस टेस्ट की तरह देखे गए, लेकिन इसमें कुछ खास साबित नहीं हो सका. ये कुछ ऐसे रहा कि मुकाबला बराबरी पर छूटा. महागठबंधन और भाजपा दोनों को एक-एक सीटें मिलीं. इस तरह जनता का मिजाज क्या और कैसा है इसे ठीक से नहीं भांपा जा सका. 

कुढ़नी है तुलना की जमीन
अब इसके ही बाद कुढ़नी उपचुनाव की घोषणा हो गई. महागठबंधन में शामिल होने के बाद ये सीट जदयू के हिस्से आई. यानी यहां के जेडीयू को अपना उम्मीदवार उतारना था. इस तरह अलग-अलग होने के बाद पहली बार सीधे तौर पर भाजपा और जदयू आमने-सामने हैं. कुढ़नी उपचुनाव इन दोनों दलों के लिए नाक का सवाल बन हुआ है. भाजपा जीतती है तो ताल ठोककर जदयू को जमीन दिखाएगी, जदयू जीतेगी तो यही काम करने का मौका उसके हिस्से आएगा. इसके अलावा वीआईपी भी लाइन में है, हालांकि वह इन दोनों को पारकर अब तक आगे नहीं आ सकी है, लेकिन इसके भी निशाने पर भाजपा ही है. एक तरीके से कुढ़नी वो जमीन बना हुआ है, जहां भाजपा और जदयू अपनी-अपनी मजबूती को तौल रहे हैं. 

 

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