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Bihar News:बिहार में पशुपालन और पारंपरिक खेती से हटकर नकदी खेती की तरफ रूख करने वाले किसानों के लिए नीतीश सरकार ने खजाना खोल रखा है. सरकार को पता है कि गर्मी के दिन में दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों को नुकसान होता है. इसका एक और मात्र एक कारण मवेशियों के द्वारा उत्पादित दूध में आनेवाली कमी है. ऐसे में पशुपालकों को घाटा ना हो इसके लिए सरकार की तरफ से मवेशी पालन करने वाले किसानों को तोहफा दिया गया है.
ऐसे में पशुपालक किसानों को मवेशी से होनेवाले दूध उत्पादन में कमी आने पर घाटा ना हो इसकी भरपाई की सरकार ने योजना बनाई है. सरकार की तरफ से इसको लेकर पशुपालकों को सब्सिडी दी जाएगी. किसानों को इस योजना का उचित लाभ मिल सके इसको लेकर दूध का प्रति लीटर रेट भी निर्धारित कर दिया गया है.
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सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की तरफ से ऐसे पशुपालकों को जो दुग्ध का उत्पादन करते हैं और बेचते हैं उनको प्रति लीटर 3 रुपए का अनुदान देने का निर्णय लिया गया है. इसका लाभ दुग्ध सहकारी समिति के जरिए दूध की बिकवाली करने वाले पशुपालकों को मिलने वाला है. इसके लिए विभाग की तरफ से 10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है.
ऐसे में गर्मी के दिनों में जो पशुपालक सहकारी दुग्ध समितियों में दूध की आपूर्ति करेंगे उनको इस अनुदान का लाभ मिल पाएगा. भुगतान सीधी डायरेक्ट ट्रांसफर के जरिए किया जाएगा. यह पशुपालकों के खाते में सीधा भेजा जाएगा. इन सहकारी दुग्ध समीतियों के द्वारा सब्सिडी की राशि पशुपालकों को खाते में भेजी जाएगी. इसके तहत पशुपालकों को अप्रैल से लेकर जून तक का 91 दिन का भुगतान होना है.
बिहार में अभी 8 दुग्ध संघ काम कर रहे हैं. जिससे करीब 27 हजार सहकारी दुग्ध समितियां जुड़ी है. ऐसे में शादी समारोह या अन्य मौकों पर दुग्ध के संग्रह में कमी ना आए इसके लिए सरकार की तरफ से यह सब्सिडी का प्रवधान किया गया है. वहीं विभाग यह भी मान रही है कि इस तरह के प्रोत्साहन से पशुपालक भी जगेंगे और दुग्ध उतापदन में वृद्धि भी होगी.