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पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री का पीछा रामचरित मानस को लेकर दिए गए उनके अटपटे बयान से छूटता नजर नहीं आ रहा है. चंद्रशेखर के खिलाफ जहां एक तरफ साधू संत सभी मोर्चा खोले खड़े हैं वहीं बिहार में विपक्षी दल भाजपा के साथ महागठबंधन के भी कई दलों के नेता उनके इस बयान पर लगातार उनको खरी-खोटी सुना रहे हैं. हद तो तब हो गई जब उनकी पार्टी के नेता के निशाने पर भी चंद्रशंखर आ गए. वह भी बिहार विधानसभा में.
चंद्रशेखर ने रामचरितमानस का अपमान किया तब तक कोई भी बिहार के इस शिक्षा मंत्री के बारे में अच्छे से जानता तक नहीं था लेकिन इसपर विवादित बयान देने के बाद चंद्रशेखर को पूरा देश जान गया. अब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने इस विवादित बयान की वजह से अपनों के निशाने पर ही आ गए हैं. बिहार विधानमंडल में बजट सत्र के दौरान चर्चा चल रही थी लेकिन बिहार के शिक्षा मंत्री ने सोचा भी नहीं होगा कि यहां उनके लिए असहज स्थिति पैदा होनेवाली है. विपक्ष एक तरफ सरकार पर आरोप लगा रही थी सवालों के जवाब मांग रही थी वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष से भी जवाब दिया जा रहा था.
इस सब के बीच अचानक चंद्रशेखर अपनी पार्टी के नेता के ही लपेटे में आ गए. विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को ही सवालों के घेरे में ला खड़ा किया. बिहार के महाविद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारी की बहाली को लेकर शिक्षा मंत्री अपने पार्टी के नेता के निशाने पर थे. वीरेंद्र सिंह ने विधानसभा में पूछ लिया कि जब सरकार सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हार गई तो फिर वह शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन क्यों नहीं आवंटित करा रही है. भाई वीरेंद्र ने कहा कि क्या सरकार की मंशा रिवीजन पिटिशन डालकर इस पर करोड़ों रुपए खर्च करने की है क्या सरकार इसपर इतनी रकम खर्च करना चाहती है.
हालांकि अपनी पार्टी के साथ महागठबंधन के नेता के निशाने पर भी चंद्रशेखर रहे. बता दें कि 14 मार्च को जेडीयू के विधान पार्षद नीरज कुमार की तरफ से रामचरितमानस को लेकर दिए गए चंद्रशेखर के विवादित बयान पर उन्हें घेरा गया. शिक्षा बजट पर बोलने के लिए तब चंद्रशेखर तैयार ही हुए थे कि नीरज कुमार विधान परिषद में गीता, कुरान और बाइबिल लेकर पहुंच गये थे. नीरज कुमार ने तब चंद्रशेखर यादव को दिखाते हुए कहा था कि रामायण, महाभारत और कुरान में हम फंसे रहे या संविधान पर चर्चा करें.
दरअसल राजद की सेहत पर जितना असर चंद्रशेखर यादव के बयान के बाद से देखा जा रहा है उससे ज्यादा असर जदयू की सेहत पर होता नजर आ रहा है. राजद के पास जो मुस्लिम यादव कोर वोट बैंक है उसका भले क्षय नहीं होगा लेकिन जदयू को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. ऐसे में जदयू महागठबंधन धर्म तो निभाएगी लेकिन वह चंद्रशेखर के इस बयान से असहज महसूस कर रही है. ऐसे में अब हिंदू वोट बैंक के खिसकने का खतरा सभी को मंडराता नजर आ रहा है. ऐसे में अब अपने वोट बैंक को एकत्रित रखने के ख्याल से गठबंधन के दलों के साथ चंद्रशेखर की पार्टी राजद के नेता भी उन्हें सदन में घेरने लगे हैं.
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