Eye Flu Cases: बिहार में तेजी से पांव पसार रहा 'आई फ्लू', बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हो रहे शिकार
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Eye Flu Cases: बिहार में तेजी से पांव पसार रहा 'आई फ्लू', बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हो रहे शिकार

Eye Flu Cases: बिहार खासकर राजधानी पटना में आई फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी आंख के अस्पतालों में इसके मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. 

Eye Flu Cases: बिहार में तेजी से पांव पसार रहा 'आई फ्लू', बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हो रहे शिकार

पटना: Eye Flu Cases: बिहार खासकर राजधानी पटना में आई फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी आंख के अस्पतालों में इसके मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. आई फ्लू को मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है. पटना ही नहीं राज्य के अन्य जिलों के स्वास्थ्य केंद्रों में भी इस बीमारी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं.

इधर, चिकित्सक इससे घबराने नहीं बल्कि साफ सफाई पर ध्यान देने की बात कह रहे हैं. राजधानी पटना में अस्पतालों की बात की जाए तो अस्पतालों में प्रतिदिन ओपीडी में लगभग 15 से 20 फीसदी मरीज आई फ्लू की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, आईजीआईएमएस, गार्डिनर रोड अस्पताल में 150 -200 से अधिक आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं. निजी आंख के अस्पतालों में भी आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं.

नेत्र चिकित्सकों का मानना है कि बिहार ही नहीं, बल्कि इन दिनों देश के कई हिस्सों में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वातावरण में गर्मी और उमस के कारण आई फ्लू के मामले बढ़े हैं. इसके मरीज बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हो रहे हैं. राजा बाजार स्थित नेत्र चिकित्सक डॉ सुधीर कुमार कहते हैं कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको यह बीमारी हो सकती है. यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं से भी हो सकता है.

इधर, राजधानी के कई स्कूल प्रबंधकों ने इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के अभिभावकों को स्कूल नहीं भेजने की सूचना भेजी है. स्कूलों में बच्चों को इससे बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि फिलहाल देखा जा रहा है कि घर में किसी एक सदस्य को यदि यह संक्रमण हुआ है और शेष लोगों ने इसे लेकर सावधानी नहीं बरती, तो परिवार में सभी संक्रमित हो जा रहे हैं.

नेत्र चिकित्सक विभूति प्रसन्न हालांकि कहते हैं कि इससे घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं है. तीन से पांच दिन में यह ठीक हो जाता है. उन्होंने कहा कि पीड़ित मरीज को बार बार आंख छूने से बचना चाहिए.

इनपुट-आईएएनएस के साथ 

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