Bihar News: तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के 39 जिलों में से 10 जिलों में 5 से अधिक वेंटिलेटर तक नहीं है. कितनी शर्मनाक बात है कि बिहार के जिला मुख्यालयों में वेंटिलेटर ऑपरेटर तक नहीं है.
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Patna: बिहार में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बढ़ रहे मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों अलर्ट मोड में है. एक तरफ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार जहां कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन (Oxygen) व दवा होने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार की कमियां लोगों के सामने लाने का काम कर रही है.
इस बीच कोरोना महामारी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इतना असहाय, असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया. एक इंसान होने के नाते चाहकर भी गुहार लगा रहे, मदद मांग रहे, तड़प रहे सभी जरूरतमंदों की मदद नहीं कर पा रहा हूं.
तेजस्वी ने कहा कि हमने सर्वदलीय बैठक में सरकार को इस महामारी से निपटने के लिए 30 सकारात्मक सुझाव दिए थे पर एक पर भी अहंकारी सरकार ने अमल नहीं किया. तेजस्वी ने कहा कि अस्पतालों में फोन लगवाओ तो जवाब आता है- "कुछ नहीं कर सकते सर! बेड नहीं है। इंजेक्शन नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है। कैसे मदद करें?”
उन्होंने कहा कि बिहार के 39 जिलों में से 10 जिलों में 5 से अधिक वेंटिलेटर तक नहीं है. कितनी शर्मनाक बात है कि बिहार के जिला मुख्यालयों में वेंटिलेटर ऑपरेटर तक नहीं है.
अधिकारियों को फोन लगाओ तो फोन बजते रह जाता है. कोई उठाता नहीं है. ऐसे में सिस्टम व सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि अधिकारी या तो CM की भी सुन नहीं रहे या मुख्यमंत्री को व्यवस्था दुरुस्त करने में कोई रुचि ही नहीं? नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि कोई ऐसी हेल्पलाइन नहीं है जहां लोग फोन कर तुरंत बेड,ऑक्सीजन या दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ले पाएं.
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तेजस्वी ने आगे कहा कि नागरिकों के लिए एक तरफ बेपरवाह व भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था का अंधा कुआं है तो दूसरी तरफ काला बाजारी, मुनाफाखोरी और आंकड़ों की हेरा-फेरी. भ्रष्ट सरकार धृतराष्ट्र की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठी है. लोगों को मरते छोड़ सरकार बस हेडलाइन मैनेजमेंट (Headline Management) व मौत के आंकड़ों को कम करने में लगी है.
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारी राजद पार्टी और कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे है लेकिन एक सीमा के बाद ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, अस्पतालों में बेड नहीं मिल पाते. हम सीमित संसाधनों के साथ लोगों की मदद करने के लिए आगे बढ़ते हैं तो हाथ ऊपर कर चुकी सरकार और उसकी भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था दीवार बनकर रास्ता रोक देती है.
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की आम लोगों की तकलीफ दूर करने की कोई मंशा ही नहीं है. सरकार बस विज्ञापन देकर और आंकड़ों को कम कर धूल झोंकने के फिराक में है.