Bhagalpur Bridge Collapse: हादसे के बाद से गार्ड लापता, SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पत्नी रो-रोकर बेहाल
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Bhagalpur Bridge Collapse: हादसे के बाद से गार्ड लापता, SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पत्नी रो-रोकर बेहाल

इस हादसे में पुल पर तैनात एक गार्ड भी नदी में गिर गया था और तब से गायब है. SDRF के टीमें लापता गार्ड को खोजने की कोशिश कर रही हैं लेकिन अभी तक उसका कोई पता नहीं चला है. 

लापता गार्ड के परिजन

Bhagalpur Bridge Collapse Guard Missing: बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल रविवार (5 जून) को भरभराकर गिर गया. इस हादसे में पुल पर तैनात एक गार्ड भी नदी में गिर गया था और तब से गायब है. SDRF के टीमें लापता गार्ड को खोजने की कोशिश कर रही हैं लेकिन अभी तक उसका कोई पता नहीं चला है. उधर गार्ड के परिजन भी उसे खोजने में लगे हैं. वे गार्ड की तस्वीर दिखाकर लोगों से उसकी जानकारी जुटा रहे हैं. वहीं लापता गार्ड की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. 

परिजनों ने प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिलने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि उसकी ड्यूटी पुल पर ही लगी थी. पुल गिरने के समय भी वह पुल पर ही मौजूद था. पुल गिरने के बाद से लापता है. उसकी कोई जानकारी नहीं मिल रही है. वहीं हादसे के बाद पुल का निर्माण करने वाली कंपनी के सभी कर्मचारी और अधिकारी मौके से फरार बताए जा रहे हैं. 

बता दें कि यह ब्रिज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा था. गंगा नदी पर बन रहा ये पुल सुलतानगंज और अगुवानी को जोड़ने का काम करता, इससे उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी बढ़ती. इस पुल के साथ ये हादसा पहली बार नहीं हुआ है. अभी तक ये पुल चार बार टूट चुका है. 2014 में जब पुल का शिलान्यास किया गया था तब इसकी लागत 600-700 करोड़ के करीब थी. वहीं अब इसकी लागत बढ़कर 1600 करोड़ के करीब पहुंच गई है. बीजेपी ने इसकी भी जांच कराने की मांग की है.

बता दें कि 2014 में सीएम नीतीश ने इस पुल का शिलान्यास किया था. शिलान्यास के ठीक 2 साल बाद ही निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा इसी तरह भरभराकर गिर गया था. इसके बाद पिछले साल यानी आज से ठीक एक साल पीछे आई आंधी में इस पुल का एक सेगमेंट टूट गया था. अब इस पुल को लेकर नीतीश कुमार की जमकर किरकिरी हो रही है. मुख्यमंत्री ने इसे विभागीय गलती बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को ही इसकी जांच सौंपी है.

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मुख्यमंत्री के इस फैसले से जेडीयू विधायक संजीव कुमार को ही आपत्ति है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिस व्यक्ति के मार्गदर्शन में यह हादसा हुआ है उसे जांच के कार्य से दूर रखना चाहिए. जेडीयू विधायक ने दावा किया कि कुछ समय पहले ही मैंने प्रत्यय अमृत को पिलर संख्या 10 और 11 में क्रैक आने की जानकारी दी थी. उनको इनकी फोटो भी दिखाई थी, लेकिन प्रत्यय कुमार ने कोई संज्ञान नहीं लिया था. इसी का नतीजा है कि आज पुल गिर गया. इसके लिए विभाग के बाकी लोग भी इसके जिम्मेदार हैं. 

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