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पटना: Bihar Politics: बिहार में राजभवन और सरकार के बीच तनातनी बढ़ी हुई है. विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति व कई अन्य मसलों को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के खींचतान चल रही है. राजभवन के कामों में सरकार के हस्तक्षेप के बाद भाजपा फिर से आक्रामक हो गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि चूंकि, राज्यपाल दलित वर्ग से हैं, यही वजह है कि सरकार उनके प्रति नजरिया ठीक नहीं रखती.
बता दें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के एक आदेश ने BRABU के कुलपति का वेतन रोक दिया, इसके बाद राजभवन आगबबूला हो गया, राज्यपाल के प्रधान सचिव ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर आदेश वापस लेने को कहा. इसी बीच कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग ने अलग से विज्ञापन जारी कर दिया. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 अगस्त की शाम राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात भी की है.
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बैठक के तुरंत बाद, राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री ने राजभवन आकर राज्यपाल से मुलाकात तथा उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों से संबंधित विषयों पर समाधानपूर्ण विमर्श किया. इस मामले पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बीजेपी के नेता हास्यास्पद बयान दे रहे हैं. राजभवन और राज्य सरकार में कई बार पहले भी कार्यशैली और कार्यप्रणाली को लेकर मदभेद की खबर आती रहती है. लेकिन, राज्यपाल किसी जाति विशेष के हैं इसीलिए ऐसा स्थिति उत्पन हुई है यह कहना बीजेपी के राजनीतिक दिलवलियापन को दिखाता है.
जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कोई तकरार नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 18 वर्ष तक कार्यशैली रही है चाहे केंद्र में विपक्ष की सरकार हो उस संबंध में अनुपालन का प्रोटोकॉल हो. इसको लेकर बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्णन ने कहा कि नीतीश कुमार की ये पुरानी आदत है वो हर संस्था चाहे वो संवैधानिक संस्था हो उसे वो कटपुतली बनाना चाहते हैं, राजभवन के साथ भी इन्होंने ऐसा ही करने की कोशिश की. राज्यपाल जब उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए कृत संकल्प हो गए जो उनका विशेषाधिकार भी है, विश्वविद्यालय राज्यपाल का विशेषाधिकार है ये बिहार विश्वविद्यालय नियम 2013 में स्पष्ट है. परंतु नीतीश कुमार की सरकार राज्यपाल जो दलित समाज से आते हैं उनके ऊपर मानसिक दबाव बना रही थी.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राजभवन का अपना कार्य क्षेत्र है और सरकार का अपना कार्य क्षेत्र होता है, अब कोई महामहिम को भी कोई जाति से जोड़कर देखे और इस पर राजनीति करे ये बीजेपी का चरित्र हो सकता है. मुख्यमंत्री कल राज्यपाल से मिलने गए थे सारे चीजों पर चर्चा हुई है कहीं कोई टकराहट का सवाल नहीं है सब लोग अपने अपने नियम के अनुसार काम करेंगे.