जन सुराज पदयात्रा का 52वां दिन, पीके ने बिहार की बदहाली के लिए इन्हें ठहराया जिम्मेदार
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जन सुराज पदयात्रा का 52वां दिन, पीके ने बिहार की बदहाली के लिए इन्हें ठहराया जिम्मेदार

प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण में पदयात्रा के दौरान दिख रही समस्यायों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वी चंपारण में 2 दिनों की पदयात्रा के आधार पर मेरा शुरुआती आकलन है कि पश्चिमी चंपारण के मुकाबले पूर्वी चंपारण की स्थिति बेहतर हैं.

जन सुराज पदयात्रा का 52वां दिन, पीके ने बिहार की बदहाली के लिए इन्हें ठहराया जिम्मेदार

पटना : बिहार में प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है. मंगलवार को जन सुराज पदयात्रा के 52वें दिन प्रशांत किशोर अरेराज पहुंचे. यहां पदयात्रा की शुरुआत करने के बाद प्रशांत किशोर सबसे पहले सोमेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना कर हरसिद्धि की ओर आगे बढ़े. उनके समर्थन में काफी लोगों की भीड़ उमड़ी. 

प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण में पदयात्रा के दौरान दिख रही समस्यायों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वी चंपारण में 2 दिनों की पदयात्रा के आधार पर मेरा शुरुआती आकलन है कि पश्चिमी चंपारण के मुकाबले पूर्वी चंपारण की स्थिति बेहतर हैं. उसकी एक वजह यह है कि यहां जिन इलाकों में अब तक गया हूं वहां बाढ़ की समस्या नहीं है. जबकि पश्चिमी चंपारण में ज्यादातर प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति रहती है. 

यात्रा में पंचायतों की समस्याओं का करेंगे संकलन
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि पूर्वी चंपारण के लिए एक माह में 400-450 किलोमीटर का रूट बनाया गया है. पूर्वी चंपारण में भी यात्रा अलग-अलग प्रखंडों और पंचायतों से गुजरते हुए लगभग एक महीने चलेगी. इस दौरान सभी पंचायतों की समस्याओं का संकलन करेंगे और उसके समाधान के साथ पंचायत आधारित विकास का ब्लूप्रिंट भी जारी करेंगे. हमारा प्रयास है कि समाज को मथ कर सही लोगों को समाज के बीच से लाकर एक मंच पर खड़ा किया जाए. सभी लोगों की सहमति होगी तो दल भी बनाया जाएगा और बिहार के बेहतर भविष्य के लिए चुनाव भी लड़ा जाएगा.

पीके बोले- सामाजिक और राजनीतिक रूप से अकेले पड़ गए हैं नीतीश कुमार
प्रशांत किशोर ने बिहार के पिछड़ेपन के लिए नीतीश कुमार और लालू यादव को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि 30 से 35 साल से दोनों भाइयों ने और अब चाचा और भतीजा मिलकर बिहार को पिछड़ा बनाए हुए हैं. बिहार के विकसित नहीं होने की जवाबदेही इन लोगों की ही है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब एक उम्रदराज व्यक्ति हो गए हैं अब उन्हें घबराहट भी होने लगी है, वे बोलना कुछ और चाहते हैं और बोल कुछ और जाते हैं. जैसा उन्होंने पूर्व में कहा था कि प्रशांत किशोर को कुछ नहीं आता ,तो आप बताइए कि उन्होंने 2 वर्ष अपने घर में मुझे क्यों रखा.

प्रशांत ने कहा कि नीतीश कुमार अब सामाजिक और राजनीतिक रूप से अकेले पड़ गए हैं. जिन लोगों के साथ वे सत्ता में बैठे हुए हैं, वे उन पर भरोसा ही नहीं करते है. नीतीश कुमार जिन लोगों को आगे बढ़ाने का प्रयास का दिखावा कर रहें हैं, उन पर वे खुद विश्वास नहीं करते है.

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