Bihar News: पोस्टर में लिखा कि साल 2024 की लड़ाई जितनी है तो श्रीरामचरित मानस और श्रीमदभागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ सरकार घोषित करें. भारत देश में श्रीरामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ नहीं घोषित किया गया जो शर्मसार करता है.
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Bihar News: साल 2024 लोकसभा चुनाव होने में अभी वक्त है, लेकिन सियासी दल अपनी चुनावी विसात बिछाना शुरू कर दिया है. एक दूसरे पर पर नेता जमकर आरोप लगा रहे हैं. पुराने मुद्दे खोद कर निकाले जा रहे हैं. चुनावी फिजा को गर्म करने की पूरी कोशिश की जा रही है. हर को मुद्दों को सामने लगाने की कोशिश की जारी रही है, जिससे अपनी-अपनी चुनावी जीत सुनिश्चत हो सके. कुछ ऐसा ही बिहार की राजधानी पटना में देखने को मिला, जहां पोस्टर वार शुरू हो गया है.
चौराहे पर बीजेपी नेता ने पोस्टर लगाया
दरअसल, पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर बीजेपी नेता ने पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और स्टालिन के बेटे की तस्वीर भी लगाई गई है और तीनों नेताओं को सलाखों के पीछे भी दिखाया गया है. पोस्टर में लिखा कि साल 2024 की लड़ाई जितनी है तो श्रीरामचरित मानस और श्रीमदभागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ सरकार घोषित करें. थाईलैंड जैसे देश में जहां सनातनी हिंदुओं की आबादी भारत से काफी कम है, वहां श्रीरामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया गया है, जबकि भारत जैसे देश जिसे देवों की भूमि कहा गया है.
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पोस्टर में और क्या लिखा है जानिए
पोस्टर में आगे लिखा गया है कि भारत देश में श्रीरामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ नहीं घोषित किया गया जो शर्मसार करता है. कुछ अधर्मियों ने अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए श्रीरामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथ की निंदा कर सनातन मूल्य से भारतीय समाज को अलग कर हिंदू को कमजोर कर रहे हैं. राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित होने पर ऐसे विधर्मी होंगे सलाखों के अंदर, ऐसे भी धर्मियों के प्रतिशत प्रयासों पर तभी रोक लगा सकती है जब श्री रामचरितमानस और श्रीमद् भागवत गीता को राष्ट्रीय घर ग्रंथ घोषित कर संवैधानिक दर्जा दिया जाए.
रिपोर्ट: शिवम कुमार