Jharkhand Terrorist: झारखंड बना स्लीपर सेल का सेफ जोन! 15 आतंकियों की हो चुकी है पहचान
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Jharkhand Terrorist: झारखंड बना स्लीपर सेल का सेफ जोन! 15 आतंकियों की हो चुकी है पहचान

Jharkhand Terrorist: झारखंड आतंकियों के स्लीपर सेल के लिए सेफ जोन बना हुआ है. एटीएस ने 15 संदिग्ध आतंकियों की पहचान की है.

झारखंड स्लीपर सेल

रांची: झारखंड में एक बार फिर से आतंकी कनेक्शन सामने आया है. पुलिस सूत्रों की मानें तो झारखंड में बड़े पैमाने पर स्लीपर सेल आतंक की रणनीति बना रहे हैं. जो कहीं न कहीं किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में हैं हालांकि तमाम स्लीपर सेल एटीएस के रडार पर हैं. जिनमें से कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. अल कायदा इंडियन सब को ऑर्डिनेट के झारखंड मॉड्यूल पर एटीएस का शिकंजा कसते हुए नजर आ रहा है. अल के झारखंड मॉड्यूल अब तक छह संदिग्धों की हो चुकी है. वहीं इस मामले में 15 और संदिग्ध एंटी टेररिस्ट स्क्वाड के रडार पर हैं.

साल 2024 के आखिर में दिल्ली स्पेशल टीम और एटीएस में एक साथ कई राज्यों में छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान इंडियन सबकॉन्टिनेंट मॉड्यूल से कनेक्शन रखने वाले कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. जिसमें ज्यादातर लोग झारखंड से थे. उनमें से एक नाम चान्हो निवासी शाहबाज का था जो राजस्थान से फरार चल रहा. लेकिन टेक्निकल सर्विलांस के जरिए एटीएस को इसमें भी कामयाबी मिली और बीते दिनों शाहबाज को लोहरदगा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया.

एंटी टेररिस्ट स्क्वाड के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ऋषभ झा ने जो खुलासे किए हैं वो काफी चौकाने वाले हैं. उन्होंने बताया कि शाहबाज झारखंड का रहने वाला है. वो कई महीनों से फरार चल रहा था लेकिन वह लातेहार इलाके में राजमिस्त्री के तौर पर अपनी पहचान छुपा कर काम कर रहा था जिसे स्लीपर सेल कहना गलत नहीं होगा. एसपी एटीएस ने बताया कि झारखंड के कई लोगों का अलकायदा के इंडियन सबकॉटिनेंट मॉड्यूल से कनेक्शन के लिंक्स मिल रहे हैं और अब तक मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है जबकि मामले में 15 अन्य एटीएस के रडार पर हैं.

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मामले में एजेंसी को कई लोगों को गिरफ्तार करने में कामयाबी भी हासिल की है लेकिन अगर झारखंड में स्लीपर सेल एक्टिव है तो उन्हें खत्म करना एक बड़ी चुनौती भी है.

इनपुट- कामरान

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