Chhapra News: पुलिसवालों पर आरोप है कि उन्होंने गांव वालों को घर में घुसकर पीटा और घर में रखा सामान भी तोड़ दिया. घटना मंगलवार (18 फरवरी) की बताई जा रही है. गांव में श्मशान की जमीन को लेकर विवाद हुआ था.
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Chhapra News: लोगों को जब कोई समस्या होती है तो वे पुलिस के पास जाते हैं, लेकिन जब पुलिस ही समस्या बन जाए तो वे क्या करेंगे? ऐसा ही एक मामला बिहार के छपरा से सामने आया है. यहां मशरक थाना क्षेत्र स्थित बहरौली गांव में पुलिस की गुंडागर्दी देखने को मिली. पुलिसवालों पर आरोप है कि उन्होंने गांव वालों को घर में घुसकर पीटा और घर में रखा सामान भी तोड़ दिया. इसके साथ ही पुलिस ने गांव के 36 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 23 महिलाएं भी शामिल हैं. अब सवाल ये है कि आखिर कौन सा कांड हो गया था कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिसवालों ने घर का सामान क्यों तोड़ा? जानकारी के मुताबिक, यह घटना मंगलवार (18 फरवरी) की है.
बहरौली गांव में श्मशान की जमीन को लेकर हुए विवाद में दो पक्षों में हिंसक हुई थी. लड़ाई-झगड़े की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस वहां पहुंची तो गांववालों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया. इस घटना में एक महिला पुलिसकर्मी व एक पुलिस अधिकारी सहित 11 ग्रामीण भी घायल हो गए थे. हमला होने पर पुलिसवाले भागने लगे तो पुलिस वाहन की चपेट में आने से एक गांव वाला घायल भी हो गया था. इस घटना के बाद कई थानों की पुलिस फोर्स गांव पहुंची और लोगों को घर में घुस-घुसकर पीटा. पुलिसवालों ने इस दौरान घर में रखा सामान भी तोड़ डाला. साथ ही गांव के 36 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें 23 महिलाएं भी शामिल हैं.
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इस घटना पर ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान को लेकर गांव में पहले से ही विवाद है. कई बार पुलिस के बड़े अधिकारियों को ज्ञापन देकर समाधान करने की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसी का नतीजा हुआ कि गांव में हिंसक झड़प हो गई. गांववालों के मुताबिक, गांव के ही कामेश्वर राय और सरपंच फुलेश्वर राय ने लोगों को भड़काया था. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने दुमदुमा में मुख्य सड़क जाम कर दिया जो लगभग-लगभग 5 घंटे से ज्यादा समय तक बंद रहा. वहां सीओ को छोड़ कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा था. यदि पुलिस उसी दिन प्राथमिकी दर्ज करके लोगों को गिरफ्तार कर लेती तो इतनी बड़ी घटना होने से बच सकती थी.
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वहीं थानाध्यक्ष अजय ने पुलिस पर हमला और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने की प्राथमिकी दर्ज करते हुए 36 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जिसमें बहरौली के संजय राय, पिता-रामप्रवेश राय,विनोद राय, पिता स्व० नगीना राय,रमेश राय, पिता-जमुना राय,मंडल राय, पिता रामायण राय,छतू राय, पिता-स्व० मुंशी राय,नागेन्द्र कुमार, पिता-सनफुल राय,विपिन कुमार, पिता हरिचरन राय, इन्द्रजीत राय, पिता स्व० जमादार राय,मोखतार राय, पिता स्व० मोना राय,लखनदेव राय, पिता-इन्द्रजन राय,सुनिल राय, पिता-परमा राय, राजकुमार 12 राय, पिता-दिनानाथ प्रसाद यादव,जवाहरलाल राय, पिता स्व० रामायण राय के साथ 23 महिलाएं शामिल हैं.
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