Valentine Day Special: वाल्मीकि रामायण की प्रथम कविता का प्रेरणास्रोत सारस पक्षी प्रेम और त्याग का प्रतीक है, जो उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी है और बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी बड़ी संख्या में पाया जाता है.
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महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की प्रथम कविता का श्रेय सारस पक्षी को दिया जाता है. कहा जाता है कि महर्षि वाल्मीकि ने एक शिकारी द्वारा प्रेम में मग्न सारस युगल में से नर पक्षी की हत्या देखी, जिससे मादा पक्षी ने वियोग में प्राण त्याग दिए. इस घटना से व्यथित होकर महर्षि के मुख से पहला श्लोक निकला, जिसने रामायण की रचना का मार्ग प्रशस्त किया. इस कथा से सारस को प्रेम और त्याग का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि यह पक्षी जीवनभर एक ही साथी के साथ रहता है और साथी की मृत्यु के बाद किसी अन्य के साथ रहना स्वीकार नहीं करता.
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का गौरव
सारस क्रेन (Sarus Crane) का वैज्ञानिक नाम ग्रुइडाए है और इसका संस्कृत नाम क्रौंच है. यह पक्षी पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी है, लेकिन बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में भी इसकी भरपूर उपस्थिति देखी जाती है. चंपारण, जिसे 'धान का कटोरा' कहा जाता है, में धान के खेत और जलयुक्त क्षेत्रों में मानसून के दौरान सारस को आसानी से देखा जा सकता है. वन्य जीव विशेषज्ञ वीडी संजू के अनुसार, सारस की उपस्थिति VTR के लिए गौरव की बात है.
सारस की प्रजातियां
सारस के कुल तीन वंश 'ऐंटिगोनी, बैलेरिका और ग्रुस' हैं, जिनकी आठ प्रजातियां अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका को छोड़कर लगभग सभी महाद्वीपों में पाई जाती हैं. भारत में यह पक्षी विशेष रूप से मानसून के दौरान खेतों और जलाशयों के पास देखा जाता है. सारस की प्रेम गाथा इसे वेलेंटाइन डे के अवसर पर प्रेम दिवस का एक जीवंत उदाहरण बनाती है.
विलुप्ति के खतरे में सारस की आबादी
हालांकि, वर्तमान में सारस की संख्या में कमी देखी जा रही है. पर्यावरण असंतुलन, बिजली की उच्च धारा वाले तारों से खतरा, और कुछ जनजातियों द्वारा शिकार इसके अस्तित्व के लिए खतरा बन रहे हैं. उड़ीसा, मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात की कुछ जनजातियां इसका शिकार करती हैं, जिससे यह विलुप्ति की कगार पर पहुंच गया है. साइबेरियन क्रेन पहले ही भारत से विलुप्त हो चुका है. ऐसे में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सारस की उपस्थिति हमें याद दिलाती है कि हम बिहार के 'कश्मीर' में हैं, जहां प्रेम और प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है.
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