Congress Delhi Defeat: दिल्ली में करारी हार के बाद कांग्रेस के सामने भविष्य की चुनौती, नाराज पार्टी नेताओं ने की बड़े बदलाव की मांग
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Congress Delhi Defeat: दिल्ली में करारी हार के बाद कांग्रेस के सामने भविष्य की चुनौती, नाराज पार्टी नेताओं ने की बड़े बदलाव की मांग

Congress defeat in Delhi: दिल्ली चुनावों में कांग्रेस की करारी हार ने पार्टी नेतृत्व के लिए आत्मविश्लेषण और रणनीतिक बदलाव की जरूरत को उजागर कर दिया है.

Congress Delhi Defeat: दिल्ली में करारी हार के बाद कांग्रेस के सामने भविष्य की चुनौती, नाराज पार्टी नेताओं ने की बड़े बदलाव की मांग

Congress Delhi Election Defeat: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन ने पार्टी के भीतर असंतोष को और बढ़ा दिया है. लगातार तीसरी बार पार्टी को शून्य सीटें मिलने के बाद कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस की चुनावी रणनीति और संगठन की कमजोरी पर सवाल उठाए हैं. पार्टी के भीतर आत्ममंथन और बड़े बदलाव की मांग तेज हो गई है.

तारिक अनवर की बड़ी मांग.. रणनीति स्पष्ट करे कांग्रेस

कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने पार्टी से अपनी राजनीतिक रणनीति स्पष्ट करने की मांग की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि वह गठबंधन की राजनीति करेगी या अकेले चुनाव लड़ेगी. अनवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति स्पष्ट करनी होगी. उन्हें यह तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा पार्टी संगठन में बड़े और मौलिक बदलाव करना अब जरूरी हो गया है.

INDIA गठबंधन को सम्मान दें..

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराना है, तो उसे 'INDIA' गठबंधन की सभी पार्टियों को समान सम्मान देना होगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव के नतीजे मुस्लिम समुदाय के लिए भी चिंता का विषय हैं. अल्वी ने कहा कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर दिल्ली चुनाव लड़ा होता तो बीजेपी को हराया जा सकता था. कांग्रेस हाईकमान को यह तय करना होगा कि हमें अपने सहयोगियों के साथ जाना चाहिए या अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. जो दिल्ली में हुआ है वह मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता की बात है.

बीजेपी की ऐतिहासिक जीत और AAP की हार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, जिससे आम आदमी पार्टी (AAP) के दस साल के शासन का अंत हो गया. यह जीत 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सत्ता में वापसी को चिह्नित करती है. बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतीं जबकि AAP सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई. इस चुनाव में कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अपनी सीटें नहीं बचा सके. केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने 4,089 वोटों के अंतर से हराया. जबकि कांग्रेस के संदीप दीक्षित सिर्फ 4,568 वोट ही हासिल कर सके.

दिल्ली ने AAP को खारिज किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत को ऐतिहासिक बताया और कहा कि दिल्ली की जनता ने AAP सरकार को पूरी तरह नकार दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने ‘AAP-दा’ को खारिज कर दिया है. आज विकास, दृष्टि और विश्वास की जीत हुई है. दिखावा, अराजकता, अहंकार और ‘AAP-दा’ जिसने दिल्ली को अपनी चपेट में ले लिया था.. उसे जनता ने हरा दिया है.

अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया

चुनाव में करारी हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश जारी कर जनता के फैसले को स्वीकार किया और बीजेपी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हम जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करते हैं. मुझे उम्मीद है कि बीजेपी उन सभी वादों को पूरा करेगी, जिनके लिए जनता ने उन्हें वोट दिया है.

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