हाईकोर्ट ने खारिज की NSCN-IM नेता अलेमला जमीर की जमानत याचिका, जानें क्या है पूरा मामला
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हाईकोर्ट ने खारिज की NSCN-IM नेता अलेमला जमीर की जमानत याचिका, जानें क्या है पूरा मामला

Alemala Jamir Terror Funding Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने आतंकी वित्तपोषण के एक मामले में नागा विद्रोही संगठन NSCN-IM के नेता अलेमला जमीर को जमानत देने से इनकार कर दिया है.  51 साल की विद्रोही नेता करीब 4.5 साल जेल में बिता चुकी है. NIA ने उन्हें आईजीआईए हवाई अड्डे पर 72 लाख नकदी के साथ अरेस्ट किया था. 

हाईकोर्ट ने खारिज की NSCN-IM नेता अलेमला जमीर की जमानत याचिका, जानें क्या है पूरा मामला

दीमापुर: नागा विद्रोही संगठन एनएससीएन-आईएम ( NSCN-IM ) की स्वयंभू "कैबिनेट मंत्री" अलेमला जमीर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उन्हें आतंकी वित्तपोषण के एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस नवीन चावला और न्यायमूर्ति शलिंदर कौर की बेंच ने 13 जनवरी को कहा कि जमीर के खिलाफ इल्जामों, सबूतों और उसके पति के फरार होने के तथ्य के मद्देनजर उसकी बेल पिटीशन को खारिज किया जाता है. कोर्ट ने दूसरी बार बेल पिटीशन को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट के द्वारा दिए गए पहले आदेश के खिलाफ अपील में कोई दम नहीं है.

कोर्ट ने कहा "हमने पाया कि अपीलकर्ता के खिलाफ आरोप एक व्यवस्थित तंत्र बनाकर दीमापुर में व्यवसायियों से बहुत सारे धन जुटाने और इकट्ठा करने के लिए ए 2 और ए 3 (उसके बहनोई और पति) के साथ एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं. एनएससीएन (आईएम) के लिए जबरन वसूली के पैसे इकट्ठा करने के लिए उसने 20 बैंक खाते खोले थे, जिसमें कुछ फर्जी नाम भी है."

आरोपी अदालत से की ये अपील
वहीं, आरोपी ने विद्रोही नेता अदालत से अपली करते हुए कहा कि उसकी उम्र करीब 51 साल है और वह लगभग 4.5 साल जेल में बिता चुकी है और प्रॉसिक्यूशन उसके मामले की सुनवाई के नतीजा के बारे में अनिश्चित है. जमीर के भागने का खतरा होने का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि वह एनएससीएन-आईएम में  हई पोजिशन पर है और गवाहों को मुतासिर करने एवं सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की स्थिति में भी है.
 
कोर्ट ने क्या कहा?
आदेश में कहा गया, "तदनुसार, वर्तमान अपील खारिज की जाती है." जमानत याचिका का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि जमीर और अन्य आरोपियों ने मिलकर आतंकी वित्तपोषण के वास्ते धन उगाही करने के लिए ‘नगा आर्मी’ के सशस्त्र कैडेट के जरिए से एक नेटवर्क स्थापित किया. जमीर ने कहा कि उसके खिलाफ कथित गंभीर आरोपों से जुड़े पर्याप्त सबूत नहीं हैं. फैसले में अदालत ने कहा कि सेंट्रल एजेंसी एनआईए की जांच से पता चला है कि एनएससीएन-आईएम अत्याधुनिक हथियारों से लैस एक आतंकवादी संगठन है और एक समानांतर सरकार चलाता है. 

बता दें कि एनआईए ने जमीर को दिल्ली से दीमापुर जाते वक्त आईजीआईए हवाई अड्डे पर 72 लाख नकदी के साथ अरेस्ट किया था. 

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