ED MUDA Case Against Siddaramaiah: प्रवर्तन निदेशालय ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े मामले मे लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य संपत्तियां अटैच की हैं. इस केस में कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया भी आरोपी हैं.
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Siddaramaiah News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि उसने लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य की 140 से अधिक अचल संपत्तियां अटैच की हैं. इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य भी शामिल हैं. ईडी, बेंगलुरु ने एक बयान में कहा कि यह कार्रवाई PMLA, 2002 के प्रावधानों के तहत रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के रूप में काम करने वाले विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत 142 अचल संपत्तियों पर की गई. इन संपत्तियों का बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये (लगभग) है.
सिद्धारमैया पर कसता शिकंजा!
ED ने बयान में कहा, ' आरोप है कि सिद्धारमैया ने MUDA द्वारा अधिग्रहीत तीन एकड़ 16 गुंटा भूमि के बदले अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 भूखंडों के लिए मुआवजा पाने के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया.' इसमें आरोप लगाया गया है, 'मूल रूप से यह भूमि एमयूडीए द्वारा 3,24,700 रुपये में अधिग्रहीत की गई थी. इस पॉश इलाके में 14 भूखंडों के रूप में दिया गया मुआवजा 56 करोड़ रुपये का है.'
ED, Bangalore has provisionally attached 142 immovable properties having market value of Rs. 300 Crore (approx.) registered in the name of various individuals who are working as real-estate businessmen and agents under the provisions of the PMLA, 2002, in connection with the case…
— ED (@dir_ed) January 17, 2025
हाई कोर्ट से भी लगा झटका
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को लोकायुक्त को MUDA में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से जुड़े कथित भूखंड आवंटन घोटाले की जांच जारी रखने की अनुमति दे दी. अदालत ने निर्देश दिया कि जांच की निगरानी लोकायुक्त पुलिस के महानिरीक्षक द्वारा की जाए और भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी को अब तक की अपनी जांच के विस्तृत रिकॉर्ड को अदालत में पेश करने के निर्देश दिए.
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कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की MUDA भूखंड आवंटन घोटाले की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया गया. याचिकाकर्ता ने उच्च पदस्थ अधिकारियों और नेताओं की संलिप्तता को देखते हुए लोकायुक्त जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाया. अदालत ने अगली सुनवाई 27 जनवरी के लिए निर्धारित की. (एजेंसी इनपुट)