मैं आने वाली पीढ़ी को गर्व से बताऊंगा... राज्यसभा में मनमोहन सिंह के बगल वाली सीट किसे मिली थी?
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मैं आने वाली पीढ़ी को गर्व से बताऊंगा... राज्यसभा में मनमोहन सिंह के बगल वाली सीट किसे मिली थी?

PM Manmohan Singh: मनमोहन सिंह का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से नाजुक था, और उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. उनके जाने से लोग उनके योगदान सरलता और सादगी को याद कर रहे हैं.

मैं आने वाली पीढ़ी को गर्व से बताऊंगा... राज्यसभा में मनमोहन सिंह के बगल वाली सीट किसे मिली थी?

Manmohan Singh Death: देश के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. गुरुवार 26 दिसंबर 2024 की रात 9:51 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनका निधन हुआ. इस खबर ने देश को गहरे शोक में डाल दिया. डॉ मनमोहन सिंह का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से नाजुक था, और उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. उनके जाने से लोग उनके योगदान सरलता और सादगी को याद कर रहे हैं.

शायर इमरान खान ने क्या कहा
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और शायर इमरान खान ने सोशल मीडिया पर डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा कई मेरे जैसे युवा सांसद के लिए इससे बड़ी गर्व की बात और क्या हो सकती है कि राज्यसभा में मनमोहन सिंह जी के बगल वाली सीट मिली. वह व्हीलचेयर पर संसद पहुंचे थे, और उनकी सादगी देखना एक अद्भुत अनुभव था. उनके साथ बैठकर संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अवसर मुझे हमेशा याद रहेगा.

यह वाकया तब का है जब मनमोहन सिंह व्हीलचेयर से संसद पहुंचे तह. उस दौरान पीएम मोदी ने भी मनमोहन सिंह की तारीफ की थी. पीएम ने कहा था कि जब सदन में मतदान हो रहा था और जीत सत्ता पक्ष की तय थी तब भी डॉ मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर बैठे अपने कर्तव्यों को निभाने आए थे. यह एक सांसद के कर्तव्यों के प्रति सजगता का उदाहरण था. पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह की जीवनभर की सेवा और उनके नेतृत्व की सराहना की, और उन्हें भारतीय राजनीति के एक महान नेता के रूप में याद किया.

भारतीय राजनीति में एक मिसाल

मालूम हो कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का राजनीतिक जीवन भारतीय राजनीति में एक मिसाल के तौर पर रहेगा. उन्होंने अपने शांत, ईमानदार और विद्वान व्यक्तित्व से भारत को एक नई दिशा दी. विशेष रूप से 1991 में जब उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए, तो उन्होंने देश को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया. उनके कार्यकाल में, उन्होंने देश को कई आर्थिक और राजनीतिक संकटों से बाहर निकाला. उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अनमोल रहेगा, और उनकी सादगी और समर्पण आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा.

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