पति ने पत्नी पर लगाया दूसरी शादी का आरोप, कोर्ट ने कहा- 7 फेरों के बिना हिंदू विवाह वैध नहीं
Advertisement
trendingNow11900705

पति ने पत्नी पर लगाया दूसरी शादी का आरोप, कोर्ट ने कहा- 7 फेरों के बिना हिंदू विवाह वैध नहीं

Allahabad High Court: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा है कि सात फेरों और अन्य रीतियों के बिना हिंदू विवाह वैध नहीं है. उच्च न्यायालय ने एक शिकायती मामले की संपूर्ण कार्यवाही रद्द कर दी जिसमें पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी ने तलाक लिए बगैर दूसरी शादी कर ली.

पति ने पत्नी पर लगाया दूसरी शादी का आरोप, कोर्ट ने कहा- 7 फेरों के बिना हिंदू विवाह वैध नहीं

Allahabad High Court: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा है कि सात फेरों और अन्य रीतियों के बिना हिंदू विवाह वैध नहीं है. उच्च न्यायालय ने एक शिकायती मामले की संपूर्ण कार्यवाही रद्द कर दी जिसमें पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी ने तलाक लिए बगैर दूसरी शादी कर ली, इसलिए उसे दंड दिया जाना चाहिए.

स्मृति सिंह नाम की महिला की याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने कहा, “यह स्थापित नियम है कि जब तक उचित ढंग से विवाह संपन्न नहीं किया जाता, वह विवाह संपन्न नहीं माना जाता.” उच्च न्यायालय ने कहा, “यदि विवाह वैध नहीं है तो कानून की नजर में वह विवाह नहीं है. हिंदू कानून के तहत सप्तपदी, एक वैध विवाह का आवश्यक घटक है, लेकिन मौजूदा मामले में इस साक्ष्य की कमी है.”

उच्च न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा सात को आधार बनाया है जिसके मुताबिक, एक हिंदू विवाह पूरे रीति रिवाज से होना चाहिए जिसमें सप्तपदी (पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर दूल्हा और दुल्हन द्वारा अग्नि के सात फेरे लेना) उस विवाह को पूर्ण बनाती है.

उच्च न्यायालय ने मिर्जापुर की अदालत के 21 अप्रैल, 2022 के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसके तहत स्मृति सिंह को समन जारी किया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा, “शिकायत में सप्तपदी के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है. इसलिए इस अदालत के विचार से आवेदक के खिलाफ कोई अपराध का मामला नहीं बनता क्योंकि दूसरे विवाह का आरोप निराधार है.”

तथ्यों के मुताबिक, याचिकाकर्ता स्मृति सिंह का विवाह 2017 में सत्यम सिंह नाम के एक व्यक्ति से हुआ था. लेकिन कटु संबंधों के चलते स्मृति अपना ससुराल छोड़कर चली गई और दहेज के लिए उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई. जांच के बाद पुलिस ने पति और सास-ससुर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

बाद में, पति ने पुलिस के उच्च अधिकारियों के पास एक प्रार्थना पत्र देकर अपनी पत्नी पर दूसरा विवाह करने का आरोप लगाया. इस प्रार्थना पत्र के आधार पर मिर्जापुर के सदर के क्षेत्राधिकारी द्वारा विस्तृत जांच की गई और दूसरा विवाह का आरोप झूठा पाया गया.

इसके बाद पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ मिर्जापुर के संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष 20 सितंबर, 2021 को एक शिकायत पत्र दाखिल किया और दूसरा विवाह करने का आरोप लगाया. मजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल, 2022 को याचिकाकर्ता को समन जारी किया. इसलिए स्मृति सिंह ने उच्च न्यायालय में इस समन को और शिकायती मामले की संपूर्ण कार्यवाही को चुनौती दी.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news