पाकिस्तान और उसके दोस्त दोनों की खैर नहीं, भारत ने बनवाई सबसे मारक तोप; 7628 करोड़ का करार
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पाकिस्तान और उसके दोस्त दोनों की खैर नहीं, भारत ने बनवाई सबसे मारक तोप; 7628 करोड़ का करार

K-9 Vajra: सरकारी बयानों के मुताबिक 'ये बहुमुखी लंबी दूरी की तोप भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उसे सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने में सक्षम बनाएगी. इसकी घातक मारक क्षमता सभी क्षेत्रों में तोपखाने की क्षमता को बढ़ाएगी.'

पाकिस्तान और उसके दोस्त दोनों की खैर नहीं, भारत ने बनवाई सबसे मारक तोप; 7628 करोड़ का करार

Indian Army's K-9 Vajra-T Self-Propelled Howitzer: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 7,628 करोड़ रुपये की लागत से के9 वज्र तोपों की खरीद के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ शुक्रवार को एक करार पर मुहर लगाई, जिससे बल की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह तोप उच्च सटीकता के साथ लंबी दूरी के लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है. बताया जा रहा है कि मंत्रालय चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनाती के लिए लगभग 100 वज्र तोपें खरीद रहा है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'रक्षा मंत्रालय ने 7,628.70 करोड़ रुपये की कुल लागत से भारतीय सेना के लिए 155 मिमी/52 कैलिबर 'के9 वज्र-टी सेल्फ-प्रोपेल्ड ट्रैक्ड आर्टिलरी तोप' की खरीद के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ एक करार पर दस्तखत किए हैं.' बयान में कहा गया है कि K9 वज्र-टी की खरीद से तोपखाने के आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय सेना की समग्र परिचालन तैयारी मजबूत होगी.

चीन-पाकिस्तान और बांग्लादेश हर जगह काम आएगा वज्र

मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'यह बहुमुखी लंबी दूरी की तोप भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उसे सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने में सक्षम बनाएगी. इसकी घातक मारक क्षमता सभी क्षेत्रों में तोपखाने की क्षमता को बढ़ाएगी.'

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खासियत

बयान में कहा गया है कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह तोप उच्च सटीकता और उच्च दर के साथ लंबी दूरी की घातक आग बुझाने में सक्षम है और अपनी पूरी क्षमता से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शून्य से नीचे के तापमान में भी काम करने की क्षमता रखती है. ये प्रोजेक्ट चार साव में 9 लाख से अधिक दिन का रोजगार देने के साथ MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) समेत विभिन्न भारतीय उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगी. (इनपुट: भाषा)

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