Interfaith Marriage: ऑटो-रिक्शा में एक अंतरधार्मिक विवाह हुआ, जिसके बाद हाईकोर्ट भी इस मामले में हैरान हो गया, कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में विस्तृत जांच करें कि क्या इस तरह की फर्जी शादी की आड़ में धर्मांतरण का कोई रैकेट तो नहीं चल रहा है. जानें पूरा मामला.
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Marriage In Auto-Rickshaw: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुरक्षा की मांग करने वाले एक भगोड़े अंतर-धार्मिक जोड़े को झटका लगा है. याचिका में कहा गया था कि दोनों को जान का खतरा है, लेकिन याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने पाया कि उनका निकाह मस्जिद में नहीं बल्कि एक ऑटो-रिक्शा में हुआ था. इसके बाद कोई ने इस मामले में बड़ा फैसला सुना दिया.
कोर्ट का पुलिस को आदेश, इस मामले में गंभीरता से करे जांच
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस याचिका में हैरानी जताते हुए इस मामले की जांच का फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी को आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह गलत इरादे से और कोर्ट को मूर्ख बनाने के प्रयास के तहत किया गया है. इसमें हर पहलू की जांच की जानी चाहिए कि कहीं फर्जी विवाह के जरिये धर्म परिवर्तन से जुड़ा कोई गिरोह तो सक्रिय नहीं है.
जान का खतरा बताकर कोर्ट पहुंचा था प्रेमी जोड़ा
हाईकोर्ट के सामने फतेहगढ़ साहिब के प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग वाली याचिका सुनवाई के लिए पहुंची थी. याचिका में बताया गया कि मुस्लिम रीति-रिवाजों के साथ नया गांव की मस्जिद में उनका निकाह हुआ है. लड़की के परिजनों से दंपती को जान का खतरा है और ऐसे में उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाए.
पुलिस का क्या है कहना
पंजाब सरकार ने बताया कि नया गांव पुलिस ने दंपती को सुरक्षा के उद्देश्य से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन जोड़ा दिए गए पते पर मौजूद ही नहीं था.
कोर्ट ने फाइल देखी तब हुआ शक
हाईकोर्ट ने जब फाइल गौर से देखी तो पाया कि निकाह एक ऑटो में हुआ था. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि यह कृत्य न केवल याचिकाकर्ताओं द्वारा गलत इरादे से कोर्ट को गुमराह करने के समान है, बल्कि साथ ही अदालत में झूठी गवाही देने का गंभीर अपराध भी है.
ऑटो रिक्शा में हुआ निकाह
हाईकोर्ट ने इसे न्यायालय की आपराधिक अवमानना के समान मानते हुए इसकी जांच का आदेश दिया है. काजी के जारी निकाहनामे को देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि निकाह की तस्वीरों से साफ पता चलता है कि निकाह किसी मस्जिद में नहीं हो रहा था, गवाहों में से कोई भी इन तस्वीरों में मौजूद नहीं था. इसके बाद अदालत में याची के वकील ने स्वीकार किया कि निकाह आयोजन ऑटो-रिक्शा में आयोजित किया गया था.
कोर्ट को बना रहा मूर्ख
इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह गलत इरादे से और कोर्ट को मूर्ख बनाने के प्रयास के तहत किया गया है. इस पहलू की जांच की जानी चाहिए कि कहीं फर्जी विवाह के जरिये धर्म परिवर्तन से जुड़ा कोई गिरोह तो सक्रिय नहीं है.