Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है और बीजेपी नेताओं को नेताओं को ‘नरकवासी’ कह दिया है. साथ ही कहा भाजपा सरकार सभी संवैधानिक मूल्यों को खत्म कर रही है.
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Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तिरंगा फहराया. तिरंगा फहराने के बाद उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और भाजपा नेताओं को ‘नरकवासी’ कह दिया. भाजपा पर आजादी या अर्थव्यवस्था और समाज के उत्थान के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा भाजपा सरकार सभी संवैधानिक मूल्यों को खत्म कर रही है. अंबेडकर के मुद्दे को लेकर भी उन्होंने भाजपा पर कई टिप्पणी की है.
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में भारतीय तिरंगा फहराने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया और इसकी एकता के लिए प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दुखद बात यह है कि हाल ही में हमारे महत्वपूर्ण नेताओं, विशेष रूप से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान का अपमान किया. अमित शाह ने भारतीय संविधान के निर्माता पर भद्दी टिप्पणियां कीं. शाह के बयान को याद करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘मैं संसद में था. राज्यसभा में उन्होंने कहा, ‘‘आप आंबेडकर का नाम लेते रहिए. अगर आप भगवान का नाम लेते तो आपको स्वर्ग में जगह मिल जाती.
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, ‘ये नर्कवासी हमें आजादी नहीं दिला पाए और आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से देश के लिए कोई अच्छा काम नहीं किया. गणतंत्र दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए संविधान के अनुसार कार्य करना महत्वपूर्ण है, लेकिन कुछ कारणों से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सभी संवैधानिक मूल्यों को खत्म कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘नागरिकों के अधिकारों, खासकर महिलाओं को दी गई आजादी को कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान का भी मखौल उड़ाया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मैं मोदी का भाषण सुन रहा था, जिसमें उन्होंने कहा कि वह भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह पांचवें स्थान से आगे नहीं बढ़ पाया.
खरगे के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने देश को चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया था, जबकि भाजपा ने इसे पांचवें स्थान पर ला दिया. भाजपा सरकार संप्रग द्वारा हासिल की गई स्थिति को बरकरार नहीं रख सकी, लेकिन फिर भी वह शेखी बघारती रही. उन्होंने कहा कि जब लोग तथ्य और आंकड़े देखेंगे, तो उन्हें सच्चाई का एहसास होगा. खरगे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नागरिकों को तिरस्कार की दृष्टि से देख रही है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकार अमीर और शक्तिशाली लोगों को अधिकतम लाभ और सुविधाएं दे रही है, जबकि वह गरीब लोगों की अनदेखी कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह सोमवार को इंदौर जा रहे हैं, जहां पार्टी ने 'गांधी भारत' कार्यक्रम आयोजित किया है. उन्होंने कहा कि इंदौर छावनी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे, जहां बी आर आंबेडकर का जन्म हुआ था.
खरगे ने कहा, ‘हम लोगों को बताएंगे कि मोदी और शाह ने देश की आजादी को नुकसान पहुंचाकर और हमारे महान नेताओं का अपमान करके क्या-क्या समस्याएं खड़ी की हैं. आपको 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' के नारे को आगे बढ़ाना होगा. खरगे के कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार खरगे ने कहा कि देश गणतंत्र दिवस मना रहा है और यह इस बात पर विचार करने का भी समय है कि देश में संविधान पर लगातार हमले हो रहे हैं. खरगे ने आरोप लगाया, ‘सत्तारूढ़ पार्टी ने दशकों से सावधानीपूर्वक बनाए गए हमारे संस्थानों का लगातार क्षरण किया है. स्वायत्त संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप एक आदर्श बन गया है.
उनकी स्वतंत्रता पर नियंत्रण करना सत्ता के गुण के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि संघवाद को रोजाना कुचला जा रहा है और विपक्ष शासित राज्यों के अधिकारों में कटौती की जा रही है. कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘सत्तारूढ़ सरकार की अत्याचारी प्रवृत्ति के कारण संसद के कामकाज में जबरदस्त गिरावट आई है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘विश्वविद्यालयों और स्वशासी संस्थाओं में लगातार घुसपैठ हो रही है.
खरगे ने कहा कि पिछले एक दशक में धार्मिक कट्टरवाद में डूबे एक शातिर, घृणित एजेंडे ने भारतीय समाज को विभाजित करने की कोशिश की है. कांग्रेस नेता खरगे ने कहा, 'अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. कमजोर वर्गों - एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति), ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), गरीब और अल्पसंख्यकों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर 21 महीने से जल रहा है, लेकिन सत्ता के शीर्ष स्तर पर कोई जवाबदेही नहीं है. (भाषा)