LG Manoj Sinha: आतंकवाद विरोधी अभियानों को और प्रभावी बनाने, खुफिया जानकारी साझा करने की प्रणाली को मजबूत करने और सुरक्षा खतरों से निपटने की रणनीति पर जोर दिया जाएगा. इसके अलावा, घाटी में बढ़ रही नशीली दवाओं की तस्करी और नार्को-टेररिज्म को रोकने के लिए नए उपायों पर चर्चा होगी.
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Jammu Kashmir security: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बुधवार को श्रीनगर में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब केंद्र सरकार घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर जोर दे रही है. इस बैठक में आतंकवाद विरोधी अभियानों, घुसपैठ के प्रयासों और नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
उच्च स्तरीय बैठक बुलाई
असल में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली में सुरक्षा समीक्षा बैठक लेने के एक दिन बाद यह उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है. इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा, उपराज्यपाल प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे और राज्य में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वित रणनीति पर चर्चा करेंगे.
सूत्रों के अनुसार बैठक में आतंकवाद विरोधी अभियानों को और प्रभावी बनाने, खुफिया जानकारी साझा करने की प्रणाली को मजबूत करने और सुरक्षा खतरों से निपटने की रणनीति पर जोर दिया जाएगा. इसके अलावा, घाटी में बढ़ रही नशीली दवाओं की तस्करी और नार्को-टेररिज्म को रोकने के लिए नए उपायों पर चर्चा होगी, क्योंकि हाल के महीनों में इस समस्या में तेज वृद्धि देखी गई है.
कुछ दिन पहले भी गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, CAPFs, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), ADG CID और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में घुसपैठ को पूरी तरह रोकने और नार्को-टेररिज्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) तथा समर्थकों के खिलाफ आक्रामक अभियान तेज कर दिया है. कम बर्फबारी के कारण घुसपैठ का खतरा बढ़ गया है, जिसे देखते हुए भारतीय सेना और BSF ने LoC से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) तक गश्त बढ़ा दी है.