PM Modi France Visit: मार्सिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर सावरकर के साहस और बलिदान को नमन किया. उन्होंने कहा कि मार्सिले का भारत की आजादी के संघर्ष में विशेष स्थान है. वीर सावरकर ने यहीं से ब्रिटिश कैद से भागने का प्रयास किया था.
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Veer Savarkar Marseille: इन दिनों अमूमन प्रधानमंत्री पर हमलावर रहने वाले संजय राउत पीएम मोदी के एक कदम के फैन हो गए. हुआ यह कि पीएम मोदी तीन दिवसीय फ्रांस दौरे के अंतिम चरण में मार्सिले शहर पहुंचे जहां उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर से जुड़े एक ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस जगह की कहानी को जानने से पहले यह पढ़िए कि संजय राउत ने इस पर क्या कहा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का वहां जाना और सावरकर को श्रद्धांजलि देना सराहनीय है. उन्होंने क्लियर किया कि इसमें कोई राजनीतिक विवाद नहीं होना चाहिए बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है.
असल में संजय राउत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वीर सावरकर भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री उस ऐतिहासिक स्थल पर गए जहां से वीर सावरकर ने ब्रिटिश कैद से निकलने की कोशिश की थी तो यह गौरव का विषय है. हम इसका स्वागत करते हैं. राउत ने इस मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीतिक खींचतान से बचने की सलाह दी और कहा कि वीर सावरकर का योगदान किसी एक विचारधारा तक सीमित नहीं है बल्कि वह पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
सावरकर के साहस और बलिदान को नमन
मार्सिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर सावरकर के साहस और बलिदान को नमन किया. उन्होंने कहा कि मार्सिले का भारत की आजादी के संघर्ष में विशेष स्थान है. वीर सावरकर ने यहीं से ब्रिटिश कैद से भागने का प्रयास किया था. मैं मार्सिले के उन नागरिकों और फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं का भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने उस समय सावरकर को ब्रिटिश अधिकारियों को सौंपने का विरोध किया था. वीर सावरकर की बहादुरी आज भी हमारी पीढ़ियों को प्रेरित करती है.
#WATCH | Delhi | On PM Narendra Modi's visit to Marseille, France, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "... It is not right to raise questions against Veer Savarkar... Veer Savarkar escaped from a boat and swam to the shore, and then a case was filed against him. If the PM… pic.twitter.com/y9WDyOTvhE
— ANI (@ANI) February 12, 2025
फ्रांस के मार्सिले बंदरगाह पर
बता दें कि वीर सावरकर और मार्सिले का ऐतिहासिक संबंध 8 जुलाई 1910 से जुड़ा है, जब ब्रिटिश सरकार उन्हें एक राजनीतिक कैदी के रूप में लंदन से भारत ले जा रही थी. इसी दौरान जब उनका जहाज 'एस एस मोरिया' फ्रांस के मार्सिले बंदरगाह पर पहुंचा तो सावरकर ने पोर्टहोल के माध्यम से निकलने की कोशिश की. इस घटना ने ब्रिटेन और फ्रांस के बीच कूटनीतिक तनाव भी पैदा किया था क्योंकि फ्रांस का कहना था कि सावरकर को ब्रिटिश अधिकारियों को सौंपना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन था.