Manipur Politics: मणिपुर की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर उस समय देखने को मिला.. जब जनता दल (यूनाइटेड) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत एनडीए सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी. कुछ ही देर में समर्थन वापस नहीं लेने की भी बात कर दी..
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Manipur Politics: मणिपुर की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर उस समय देखने को मिला.. जब जनता दल (यूनाइटेड) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत एनडीए सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी. मणिपुर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष क्षेत्रीमयुम बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी. इस पत्र में जेडीयू ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और समर्थन वापस लेने का कारण बताया. आधे घंते बाद ही जेडीयू ने मणिपुर सरकार से समर्थ वापसी को खारिज किया और स्टेट प्रेसिडेंट को पद से हटा दिया.
आधे घंटे बाद बदला घटनाक्रम
लगभग आधे घंटे बाद ही जेडीयू ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए अपने प्रदेश अध्यक्ष क्षेत्रीमयुम बीरेन सिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में उनके पद से हटा दिया. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि जेडीयू एनडीए सरकार का समर्थन जारी रखेगी.
VIDEO | JD(U) spokesperson Rajiv Ranjan (@RajivRanjanJDU) says the party's Manipur unit president has been removed due to indiscipline. He says the JD(U) will continue to support the state government and to strengthen the BJP-led NDA across the country.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/cLoy4Cddg5
— Press Trust of India (@PTI_News) January 22, 2025
मणिपुर में बीजेपी सरकार पर कोई असर नहीं
जेडीयू के इस राजनीतिक कदम का मणिपुर की एनडीए सरकार पर कोई खास असर नहीं पड़ा. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत है. मणिपुर विधानसभा की कुल 60 सीटों में से बीजेपी के पास 37 विधायक हैं. इसके अलावा नागा पीपुल्स फ्रंट के 5 विधायक और 3 निर्दलीय विधायक भी सरकार को समर्थन दे रहे हैं.
जेडीयू का राजनीतिक इतिहास
2022 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने मणिपुर में 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन चुनाव परिणाम के बाद जेडीयू के 5 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद भी जेडीयू ने एनडीए सरकार को समर्थन देना जारी रखा. हालांकि पार्टी के भीतर इस बात को लेकर मतभेद लगातार बने रहे.
बिहार से मणिपुर तक जेडीयू की स्थिति
लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के सूत्रधार थे. चुनाव शुरू होने से पहले अचानक बीजेपी के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया. बिहार और केंद्र की राजनीति में यह बदलाव काफी चर्चा का विषय रहा. लेकिन पिछले कुछ दिनों में बिहार में जेडीयू और बीजेपी नेताओं के बीच बढ़ती दूरियां भी नजर आईं.
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मणिपुर की राजनीति में जेडीयू का यह कदम पार्टी के भीतर गहराते मतभेदों और नेतृत्व संकट को उजागर करता है. मणिपुर में जेडीयू द्वारा समर्थन वापसी की घोषणा और फिर प्रदेश अध्यक्ष को हटाने का घटनाक्रम यह दिखाता है कि पार्टी के अंदर अनुशासन और नेतृत्व को लेकर समस्याएं हैं. यह घटनाक्रम भविष्य में जेडीयू की राजनीति और बीजेपी के साथ उसके संबंधों को जरूर प्रभावित कर सकता है.