Farooq Abdullah News: जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम व नेशनल कॉन्फ्रेंस डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश आज भी खुद को बचाने के लिए बलिदान मांग रहा है. उन्होंने आर्टिकल 370 पर भी बड़ा बयान दिया है. आइए जानते हैं नेकां नेता ने क्या कहा?
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Farooq Abdullah News: जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि भारत को बाहर से नहीं बल्कि अंदर से खतरा है. उन्होंने मुल्क के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एकता के महत्व और विभाजनकारी बयानों का मुकाबला करने पर जोर दिया. डॉ. अब्दुल्ला ने यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) हेडक्वार्टर में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुल्क आज भी खुद को बचाने के लिए बलिदान मांग रहा है. भारत को बाहर से नहीं बल्कि अंदर से खतरा है. मुल्क के अंदर के लोग ही इसे नष्ट कर सकते हैं, बाहर के लोग नहीं. मुल्क को मजबूत बनाने के लिए हमें खुद को, अपने भाइयों और बहनों को मजबूत बनाना होगा.’
उन्होंने एक्टर सैफ अली खान पर हुए हमले पर कहा, 'मैं ऐसी घटनाओं के खिलाफ हूं और उनकी भलाई की कामना करता हूं. अगर किसी ने आकर सैफ अली खान पर हमला किया है, तो आप एक व्यक्ति के काम के लिए पूरे देश को दोषी नहीं ठहरा सकते... यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है, देश पर नहीं...अमेरिका में कितने अवैध भारतीय हैं? राष्ट्रपति ट्रंप ने अभी आंकड़े दिए हैं आप इसे क्या कहेंगे?"डॉ. अब्दुल्ला ने विभाजनकारी दुष्प्रचार की आलोचना की, खास तौर पर ‘हिंदू खतरे में है’ जैसे बयानों की उन्होंने निंदा की. उन्होंने कहा, ‘इस मुल्क में 80 फीसदी हिंदू हैं, तो खतरा कहां है? इस तरह के बयान का मकसद लोगों में डर पैदा करना है. इस झूठ को मिटाना हर किसी का कर्तव्य है.'
उन्होंने 1996 का जिक्र करते हुए कहा जम्मू कश्मीर के सीएम के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से लोगों के बसने के बारे में गलत खबर फैलाई गई थी. उन्होंने कहा, ‘ये दुष्प्रचार फैलाया गया कि वे (पीओके से लोग) आएंगे और आपकी जमीनों पर कब्जा कर लेंगे. मैंने बार-बार स्पष्ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना कोई भी यहां नहीं बस सकता, फिर भी किसी ने मेरी बात नहीं सुनी.'
आर्टिकल 370 पर अब्दुल्ला तर्क
आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने पर टिप्पणी करते हुए डॉ. अब्दुल्ला ने तर्क दिया कि स्पेशल प्रोविजन केवल कश्मीरियों के लिए नहीं था, बल्कि महाराजा हरि सिंह ने इसे 1927 में डोगराओं को धनी पंजाबियों के आर्थिक वर्चस्व से बचाने के लिए पेश किया था. उन्होंने कहा, ‘आपने निरस्तीकरण का जश्न मनाया, लेकिन अब घरेलू नौकरियां भी बाहरी लोगों के पास जा रही हैं. घरेलू सहायकों को बाहर से लाया जा रहा है. सोचिए आपको क्या हासिल हुआ.'
उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद बढ़ती आर्थिक चुनौतियों पर रौशनी डालते हुए कहा,‘आपकी जमीनें छीनी जा रही हैं और नौकरियां अब आपके लिए आरक्षित नहीं हैं. बाहरी लोग कश्मीर आने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें यहां की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी का डर है. यही वह बात है जिसके बारे में हमने आपको चेतावनी देने की कोशिश की थी.'
मैं देशद्रोही नहीं एक भारतीय मुसलमान हूं: अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने देशद्रोही होने के आरोपों पर कहा, ‘मैं एक मुसलमान हूं और मैं एक भारतीय मुसलमान हूं. मैं न तो चीनी हूं और न ही पाकिस्तानी मुसलमान. लेकिन यह दुष्प्रचार जारी है। यहां तक कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के हिंदू सदस्यों को भी कभी पाकिस्तानी कहा जाता था.'
लोगों के समर्थन के लिए आभार जताते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी. मेरे पिता ने भी मुश्किलों का सामना किया, लेकिन हमने हार नहीं मानी. अगर हम सही रास्ते पर रहें, ईमानदारी से काम करें और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करें, तो हम किसी भी चुनौती से पार पा सकते हैं.'
VIDEO | At one-day convention in Jammu at party office, JKNC President Farooq Abdullah says, "Works worth billions of rupees are in process in Jammu, roads are being built. Big works are happening in Kishtwar. The labourers come from outside, what our people will do? Nobody is… pic.twitter.com/5k6MNjITJr
पहले अपना घर ठीक करें: अब्दुल्ला
उन्होंने पार्टी नेताओं से विभाजन से बचने और जनता के लिए मौजूद रहने का आग्रह किया. उन्होंने आंतरिक एकता की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने सवाल किया, ‘पहले अपना घर ठीक करो. अगर आपका घर ठीक नहीं है, तो आपका देश कैसे ठीक रहेगा?’
अब्दुल्ला ने राष्ट्र निर्माण के लिए एकजुट कोशिश की पर कहा, ‘यह देश तभी प्रगति कर सकता है जब हम सभी खुश और एकजुट हों. भारत विविधता से भरा है, जिसमें अलग-अलग जातियां और क्षेत्र शामिल हैं और हमारी ताकत विविधता के बीच हमारी एकता में निहित है.'
लैंगिक समानता पर अब्दुल्ला ने संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करने में देरी पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘पुरुष अक्सर महिलाओं के साथ सत्ता साझा करने में हिचकिचाते हैं, जिससे हमारे देश की प्रगति में बाधा आती है। हमें वास्तव में आगे बढ़ने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए समानता सुनिश्चित करनी चाहिए.' ( भाषा इनपुट के साथ )