देखन में छोटे लगें.. तब लाल बहादुर शास्त्री की हाइट पर मजाक पाकिस्तान को भारी पड़ा था
Advertisement
trendingNow12596214

देखन में छोटे लगें.. तब लाल बहादुर शास्त्री की हाइट पर मजाक पाकिस्तान को भारी पड़ा था

Lal Bahadur Shastri Death: सिर्फ 19 महीनों तक देश के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री ने दुनिया को भारत की शक्ति का अहसास करा दिया था. तब पाकिस्तान को लालबहादुर शास्त्री की छोटी हाइट पर मजाक भारी पड़ा था और जब साल 1965 में लड़ाई हुई तो भारतीय सेना लाहौर शहर के करीब तक पहुंच गई थी.

देखन में छोटे लगें.. तब लाल बहादुर शास्त्री की हाइट पर मजाक पाकिस्तान को भारी पड़ा था

Lal Bahadur Shastri Death: आज से 59 साल पहले यानी 11 जनवरी को 1966 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की ताशकंद में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. ये मौत कोई साधारण मौत नहीं थी, जिसका रहस्य आज भी अनसुलझा है. सिर्फ 19 महीनों तक देश के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री ने दुनिया को भारत की शक्ति का अहसास करा दिया था. तब पाकिस्तान को लालबहादुर शास्त्री की छोटी हाइट पर मजाक भारी पड़ा था और जब साल 1965 में लड़ाई हुई तो भारतीय सेना लाहौर शहर के करीब तक पहुंच गई थी.

लालबहादुर शास्त्री खुद पहुंच गए पाकिस्तान

पाकिस्तानी प्रेसिडेंट जनरल अयूब खान किसी भी नेता को उनके कद से आंकते थे. लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की हाइट 5 फीट 2 इंच थी और 6 फीट 2 इंच के अयूब खान  को लगता था कि शास्त्री जी देश नहीं चला पाएंगे. साल 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद अयूब खान ने अपना भारत का दौरा रद्द कर दिया था और कहा था कि भारत में कौन बात करने के लिए कौन है.

जब अयूब खान ने दौरा रद्द कर दिया तो लाल बहादुर शास्त्री खुद पाकिस्तान पहुंच गए. गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में भाग लेने के लिए काहिरा गए लाल बहादुर शास्त्री लौटते समय कराची में पहुंच गई और अयूब खान को संदेश दिया कि वो किसी से नहीं डरते हैं. उन्होंने कराची में अयूब खान से मुलाकात की, लेकिन अयूब खान तब भी उनको पहचानने में गलती कर गए और उनके व्यक्तित्व से प्रभावित नहीं हुए.

ये भी पढ़ें- जब ताशकंद से लाल बहादुर शास्त्री ने अपने घर किया फोन, बेटी बोली- बाबूजी हमें अच्छा नहीं लगा

लाहौर तक पहुंच गई थी भारतीय सेना

इसके एक साल बाद साल 1965 में पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे भारत के खिलाफ कई मोर्चे खोल दिए और भारत-पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ गई. भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और लाहौर तक पहुंच गई. भारतीय सेना के एक्शन से पाकिस्तान की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई और उसने संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगाई. संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद ताशकंद में हुए समझौते के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हुआ. लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद अयूब खान विदेश से भारत आने वाले सबसे पहले शख्स थे. उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री का पार्थिव शरीर देखकर कहा था कि यही आदमी भारत और पाकिस्तान को एक साथ ला सकता था.

 शास्त्री जी की मौत का रहस्य आज भी अनसुलझा

ताशकंद समझौते के बाद 11 जनवरी 1966 की रात संदिग्ध हालात में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत हो गई थी. उनकी मौत कैसे हुई, ये 49 साल बाद भी राज है. उस वक्त मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया था कि लाल बहादुर शास्त्री की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी, लेकिन उनकी पत्नी का आरोप था कि उन्हें जहर दिया गया था. लाल बहादुर शास्त्री का पार्थिव शरीर जब भारत लौटा, तो कई लोगों ने शक जताया था कि उनकी मौत प्राकृतिक नहीं है, इसके बाद भी उनके शव का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया गया था.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news