MP Election Result: मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर कयासों का दौर सबसे ज्यादा चल रहा है, जिसमें बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के नाम की चर्चा खूब हो रही है.
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MP Chunav Result: 'मैं केवल विधायक बनने नहीं आया हूं, पार्टी मुझे बड़ी जिम्मेदारी देगी.' कैलाश विजयवर्गीय ने अपना चुनाव प्रचार इसी बात से शुरू किया था. क्योंकि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए जब बीजेपी ने प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की तो चुनाव का पूरा सिनेरियो ही बदल गया था. भाजपा ने कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर की सबसे चुनौती पूर्ण एक नंबर विधानसभा से मैदान में उतारा. 3 दिसंबर को जब नतीजे आए तो विजयवर्गीय ने ऐतिहासिक विजय हासिल की. वह न केवल चुनाव जीते बल्कि इंदौर की 9 सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है, जिसके बाद से ही विजयवर्गीय के नाम की चर्चा सूबे के सबसे बड़े पद के लिए हो रही है.
उत्साह में विजयवर्गीय के समर्थक
कैलाश विजयवर्गीय लगभग 10 साल बाद राज्य की राजनीति में लौटे हैं. उन्होंने 2018 का चुनाव नहीं लड़ा था. 2016 के बाद से ही वह पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. लेकिन इस बार बीजेपी ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ाया और उन्होंने जीत हासिल की. कैलाश विजयवर्गीय की जीत से उनके समर्थक काफी उत्साहित हैं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठने लगी है. लेकिन विजयवर्गीय के पक्ष में कुछ मजबूत बातें भी हैं जबकि उनके कुछ कमजोर पक्ष भी हैं.
कैलाश विजवयर्गीय के मजबूत पक्ष
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कैलाश विजवयर्गीय के कमजोर पक्ष
कौन हैं कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के बड़े नेता माने जाते हैं. 1975 में अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे. इंदौर में नगर निगम में पार्षद, महापौर और प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. विजयवर्गीय 7वीं बार विधायक चुने गए हैं. वह इंदौर की अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव जीते हैं और अब तक एक भी चुनाव नहीं हारे. 2016 के बाद से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं.
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