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CM Mohan Yadav Cabinet: मध्यप्रदेश की गद्दी संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आक्रामक शैली में अपनी शुरुआत की है. कैबिनेट की पहली बैठक में उन्होंने खुले में मछली, अण्डा, मीट आदि और लाउडस्पीकर पर पाबंदी लगाई है. इसके साथ ही उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण प्रक्रिया को भी हरी झंडी दे दी है. ये फैसला अब नए साल के पहले दिन 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएगा.
बता दें कि इस फैसले के बाद अब नामांतरण करने के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. इसके अलावा धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिलेगी.
नामांतरण कैसे होता है?
जानकारी के मुताबिक नामांतरण स्थानीय ग्राम पंचायत, नगर पंचायत या नगर पालिका निगम द्वारा किया जाता है. स्थानीय निकाय में नामांतरण की प्रक्रिया को लेकर लोगों को काफी परेशान होना पड़ता है. लेकिन अब सरकार के फैसले के बाद रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाएगा. इसे लेकर अभी कोई गाइडलाइन नहीं आई है. लेकिन इतना जरूर है कि आम लोगों के लिए ये बड़ी राहत भरी खबर है.
बिना रिश्वत दिए नहीं होता ये काम
कैबिनेट की बैठक में हुए इस फैसले के बाद अब नामांतरण होने की प्रक्रिया से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी ही. क्योंकि लोकायुक्त पुलिस ने प्रदेश में कई ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है, जो इसके लिए रिश्वत की मांग करते हैं. नामांतरण करने की प्रक्रिया 15 दिनों तक तो चलती ही है. बता दें कि रजिस्ट्री के साथ भूखंड या भवन का नामांतरण होने से धोखाधड़ी के मामलों से भी मुक्ति मिलेगी.