ये है एमपी का सबसे खतरनाक हाईवे, यहां से गुजरने वालों को लेनी पड़ती है पुलिस सुरक्षा
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ये है एमपी का सबसे खतरनाक हाईवे, यहां से गुजरने वालों को लेनी पड़ती है पुलिस सुरक्षा

Delhi Mumbai Dangerous Highway: आज हम आपको मुंबई जाने वाले ऐसे खतरनाक हाईवे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर चलने के लिए लोगों को पुलिस की सुरक्षा लेनी पड़ती है. आइए जानते हैं यह खतरनाक हाईवे कहां से होकर गुजरता है.

ये है एमपी का सबसे खतरनाक हाईवे, यहां से गुजरने वालों को लेनी पड़ती है पुलिस सुरक्षा

Dangerous Highways of MP: दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे बनने के बाद मंजिल तक पहुंचने की समय सीमा भले कम हो गयी. लेकिन इसी दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर रतलाम से झाबुआ होकर गुजरना बहुत खतरनाक हो गया है. हालात यह कि रतलाम झाबुआ 8 लेन पर वाहनों को पुलिस सुरक्षा में निकाला जा रहा है. जिसमें बंदूकधारी पुलिस जवान भी होते है. वाहन चालकों के नाम पुलिस नोट करती है. वहीं उन्हें समझाइश दी जाती है कि कैसे अब रतलाम से झाबुआ सीमा तक उन्हें अन्य वाहनों के साथ गुजरना है पथराव होने पर वाहन नही रोकना है, और जरूरत पड़ने पर पुलिस से किन नंबर पर संपर्क करना है.

दरअसल, रतलाम से होकर गुजर रहे 8 लेन एक्सप्रेसवे वे पर सरपट दौड़ते वाहनों पर पथराव होते हैं. यहां कुछ लोग पथराव में घायल भी हुए हैं. वहीं आये दिन वाहनों के पथराव में कांच फूटने की घटनाएं भी सामने आई हैं, अंधेरा होने के बाद रतलाम झाबुआ से होकर गुजरना बहुत खतरनाक होने लगा है. लोगों में इस रतलाम झाबुआ एक्सप्रेस वे को लेकर अब डर का भी माहौल है. इसी बीच जी मीडिया की टीम ने आधी रात को इस खतरनाक एक्सप्रेसवे पर रतलाम से झाबुआ के बीच सफर किया.  

पूर्व विधायक पर भी हो चुका है पथराव

इस एक्सप्रेस वे पर रतलाम के पूर्व ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना के वाहन पर भी उनके कार्यकाल के दौरान पथराव हो चुका है. हालांकि, इस रूट पर इन पत्थरबाजो का उद्देश्य अब तक समझ में नहीं आया है. क्योंकि, यहां पत्थरबाजों ने फिलहाल किसी यात्री वाहन बस कार में लूट की घटना को अंजाम नही दिया है. लेकिन पथराव के कारण तेज रफ्तार वाहनों के साथ बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

कानवाई प्रणाली

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे बनने के बाद कई जगह पूर्व में कानवाई प्रणाली बंद हो गई थी. लेकिन रतलाम झाबुआ एक्सप्रेस वे बनने के बाद कानवाई शुरू करना पड़ी है. रतलाम के नामली टोल पर अंधेरा होने के बाद पुलिस वाहनों को रोककर एक साथ 8 से 10 वाहनों को ही आगे रवाना करती है. पुलिस वाहन के साथ यहां से आगे सभी वाहनों को रवाना किया जाता है. रतलाम में नामली, सैलाना, शिवगढ़, रावटी थाना इस पूरी कानवाई में अपने अपने थाना क्षेत्र में वाहनों को सुरक्षित झाबुआ सीमा तक ले जाते हैं.

5 जगहों पर होते हैं पथराव

इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालक बताते हैं कि रतलाम के धामनोद से लेकर झाबुआ के थादला के बीच 5 ऐसे पॉइंट हैं, जहां वाहनों पर पथराव होते हैं. जी मीडिया की टीम ने भी इस कानवाई मे ट्रक में सवार होकर इस डेंजर एक्सप्रेस वे पर रात में सफर किया. कानवाई व्यवस्था में कैसे पत्थरबाजों से बचाकर वाहनों को निकाले जाने की व्यवस्था बनाई गयी है. इसको जी मीडिया की टीम ने ग्राउंड जीरो से देखा.

क्या है कानवाई प्रणाली

आपको बता दें कि कानवाई प्रणाली के तहत वाहनों को जिले की सीमा में इंट्री करने के बाद उनके बाहर निकल जाने तक कहीं भी न रुकने के निर्देश दिए जाते हैं. इसमें वाहनों की कानवाई बनाकर पुलिस वाहनों की निगरानी में तय सीमा में ही आगे बढ़ने दिया जाता है. 

रिपोर्ट- चन्द्रशेखर सोलंकी, जी मीडिया रतलाम

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