भिंड शहर की गौरी सरोवर में ड्रैगन बोट प्रतियोगिता आज से शुरू हो गई है. यहां के गौरी सरोवर में ड्रैगन बोट दौड़गी.
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प्रदीश शर्मा/भिंड: शहर के मध्य में बने गौरी सरोवर तालाब पर राज्य स्तरीय ड्रैगनबोट प्रतियोगिता का आज से आगाज होने जा रहा है. बता दें कि भिंड के लिए वरदान गौरी सरोवर में पानी पर दौड़ती ड्रैगन बोट, पहली बार करीब पांच साल पहले भिंड के गौरी सरोवर में देखी गई थी, उसके बाद से यहां केनो कयाकिंग की ट्रेनिंग शुरू हुई. कई नेशनल और इंटरनेशनल प्लेयर और पेराप्लेयर इसी गौरी सरोवर पर ट्रेनिंग लेकर आगे बढ़े और सफलता हासिल की.
भिंड की बदल रही तस्वीर
खेल प्रशिक्षक हो या प्रशासन लगातार भिंड में तैयार हो रहे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं, एक भरोसे के साथ कि कल भिंड के युवा जिले का नाम खेल के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ रौशन करेंगे, कहा जा सकता है कि, कोई पूजा ओझा की तरह राष्ट्रपति से सम्मान दिलाएगा तो कोई फिर ओलंपिक का पदक लाएगा -वाटर स्पॉट्स का हब बनता भिंड, कल इसी क्षेत्र में भविष्य बनाएगा और यहां की तस्वीर कुछ इस तरह बदलेगा कि चम्बल के युवाओं के हाथ बंदूक नहीं, बल्कि स्पोर्ट्स बोट का चप्पू नजर आएगा.
जानिए क्या कहा वॉटर प्लेयर ने
इन दिनों भी गौरी सरोवर पर राज्य स्तरीय ड्रैगन बोट प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आये टीमों के खिलाड़ी लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं, भिंड की जूनियर बालिका टीम भी हिस्सा ले रही रही हैं. रिया सिकरवार ग्रामीण क्षेत्र रमटा से है, वह करीब एक महीने से यहीं भिंड में रहकर प्रतिदिन प्रैक्टिस कर रही हैं, वह कहती हैं की भले ही वाटर स्पोर्ट्स खतरनाक है, लेकिन इसके जरिये एक अच्छा भविष्य और आय का साधन बनाया जा सकता है, वह आगे आर्मी में जाना चाहती है और वहां भी अपने खेल को जारी रखना चाहती है. वहीं रीवा से आयी खिलाड़ी अवंतिका सिंह परिहार ने बताया कि वे चार वर्षों से वॉटर स्पोर्ट्स में हैं और इन दिनों चैंपियनशिप के लिए भिंड आयी हैं, यहां पहले से आकर एक टीम के साथ प्रैक्टिस कर रहीं हैं, प्रतिदिन सुबह और शाम प्रैक्टिस सेशन में भाग ले रही हैं, अब तक भोपाल स्पोर्ट्स अकैडमी में रहकर ट्रेनिंग ले रही थी, उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बहन भी वॉटर स्पोर्ट्स प्लेयर है, जिनसे प्रेरित होकर वे भी खेल के इसी क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.
वाटर स्पोर्ट्स में युवा हो रहे पारंगत
इस इवेंट के ऑर्गनाइज सेक्रेटरी और ICKA के स्थानीय संरक्षक राधे गोपाल यादव ने बताया कि जिले में राज्यस्तरीय ड्रैगन बोट प्रतियोगिता पहली बार गौरी सरोवर पर आयोजित हो रही है, उन्होंने बताया कि गौरी सरोवर भिंड के लिए वरदान है, यहां वाटर स्पोर्ट्स के लिए बहुत संभावनाएं है, इसी गौरी सरोवर से खेलकर पेरा प्लेयर पूजा ओझा ने राष्ट्रपति से सम्मान पाया है, वहीं पेराओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली प्राची यादव ने भी भिंड के गोरी सरोबर से ट्रेनिंग की थी, यहां के युवाओं में बहुत पोटेंशियल है, जो आने वाले समय में वाटर स्पोर्ट्स के विभिन्न विधाओं में पारंगत हो रहे हैं और भविष्य में होने वाले चैंपियनशिप में 50 प्रतिशत खिलाड़ियों में भिंड के युवा नजर आएंगे.
भोपाल के बाद बड़ा ट्रेनिंग सेंटर भिण्ड में
ड्रैगन बोट चैंपियनशिप के बारे में बात करते हुए राधे गोपाल यादव ने बताया कि भारत में वाटर स्पोर्ट्स के लिए चुनिंदा शहरों में ही टीम होती हैं और मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल के बाद सबसे बड़ा सेंटर भिंड ही है, इसके अलावा अब ग्वालियर, दतिया, खरगोन, जबलपुर, इंदौर, महेश्वर आदि सभी की टीम इस इवेंट में हिस्सा लेने आने की सम्भावना है, इनके साथ भोपाल अकेडमी से भी एक टीम हिस्सा ले सकती है, वहीं सुरक्षा के विशेष इंतजाम भी किए गए हैं, ज्यादात्तर वाटर स्पोर्ट्स खिलाड़ी पानी के लिए तैराकी में ट्रेंड रहते हैं, इसके अलावा सभी खिलाड़ियों के लिए लाइफ जैकेट उपलब्ध रहेगी, होमगार्ड की टीम भी मौक़े पर मौजूद रहेगी. वहीं सुरक्षा के साथ यातायात व्यवस्था बनाने के लिए भी शासन और प्रशासन भी व्यवस्था में लगा हुआ है.
जानिए क्या कहा कलेक्टर ने
इस प्रतियोगिता का आयोजन वैसे तो ऑल इंडिया कैनो कयाकिंग एसोसिएशन द्वारा कराया जा रहा है. लेकिन प्रशासन भी इस कार्यक्रम को खेल दृष्टि से पूरा सपोर्ट दे रहा है, भिंड कलेक्टर सतीश कुमार ने बताया कि आयोजकों द्वारा इस प्रतियोगिता के संबंध में अवगत कराया गया था, चूंकि ये खेल से संबंधित हैं और यहां के बच्चों को प्रेरणा मिले, पहले से ही भिंड के खिलाड़ी कॅनोइंग कयाकिंग में आगे गए हैं और नेशनल इंटरनेशनल खेलते हैं, जिनके लिए भी प्रशासन पूरे सहयोग में है, इस कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कलेक्टर ने कहा कि, इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन ने सुरक्षा, यातायात और हर तरह की व्यस्थाओं के लिए एसडीएम, तहसीलदार और सीएसपी को ऑर्डर जारी किए गए हैं, साथ ही होमगार्ड और एसडीआरएफ़ की टीम को भी अलर्ट किया है. जिससे प्रतियोगिता के दौरान वे मौक़े पर सभी सुरक्षा उपकरणों के साथ मौजूद रहे, जिससे कोई भी अनहोनी की स्थिति में वे तुरंत बचाव कार्य कर सके.