ग्वालियर में बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है. शनिवा को ग्वालियर बीजेपी ने संकल्प पत्र जारी किया. इस दौरान पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को मंच पर जगह नहीं मिली तो वह कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले गए.
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शैलेंद्र सिंह भदौरिया/ग्वालियरः एमपी नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को गुटबाजी और पार्टी नेताओं की बगावत से जूझना पड़ रहा है. ग्वालियर बीजेपी में भी सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है. दरअसल शनिवार को ग्वालियर में बीजेपी ने संकल्प पत्र जारी किया. इस दौरान पूर्व मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा को मंच पर जगह नहीं दी गई तो वह नाराज होकर कार्यक्रम छोड़कर चले गए. इसके बाद बीजेपी मेयर प्रत्याशी सुमन शर्मा उन्हें मनाने उनके घर भी पहुंची और खूब रोईं.
अनूप मिश्रा को मनाने पहुंची मेयर प्रत्याशी!
बता दें कि संकल्प पत्र की लॉन्चिंग के अवसर पर कार्यक्रम के दौरान भाजपा मेयर प्रत्याशी सुमन शर्मा, सांसद विवेक शेजवलकर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता, पूर्व मंत्री माया सिंह आदि को मंच पर जगह दी गई. वहीं पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को मंच पर जगह नहीं मिली. इसके बाद वह कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले गए. अनूप मिश्रा के अचानक कार्यक्रम बीच में छोड़कर जाने से हंगामा हो गया. इस पर ग्वालियर से बीजेपी मेयर प्रत्याशी सुमन शर्मा अनूप मिश्रा को मनाने सीधे उनके घर पहुंच गईं.
इस दौरान सुमन शर्मा हाथ जोड़कर अनूप मिश्रा को मनाती नजर आईं. सुमन शर्मा इस दौरान खूब रोईं भी और अनूप मिश्रा की मिन्नतें करती दिखाईं दी. अनूप मिश्रा ने इस दौरान ये कहा कि उनकी सुमन शर्मा से कोई नाराजगी नहीं है. घटना का वीडियो भी सामने आया है.
वहीं मीडिया ने जब अनूप मिश्रा से घटनाक्रम को लेकर सवाल किया तो उन्होंने नाराजगी की बात से इंकार किया और कहा कि 'वह सुमन शर्मा के प्रचार में पूरी मेहनत से लगे हुए हैं. वह किसी से नाराज नहीं है.' जब उनसे सुमन शर्मा के रोने की वजह पूछी गई तो खुद सुमन शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि 'बैठक में कुछ नहीं हुआ. सब ठीक है. मैं अपने भाई के घर पर आई हूं, रो इसलिए रही हूं क्योंकि 5 महीने पहले मैंने अपने पति को खोया है.'
सुमन शर्मा ने कहा कि 'ऐसे हालात में किस तरह प्रचार कर रही हूं, वो मैं ही जानती हूं. हम सभी साथ मिलकर काम कर रहे हैं.' बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए माना जा रहा है कि ग्वालियर में बीजेपी को गुटबाजी से जूझना पड़ रहा है.