एमपी में हिंदुत्व के मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी के आरोपों पर कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि मुझे प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. तो बीजेपी के नेता इस मुद्दे को लेकर कमलनाथ पर निशाना साध रहे हैं.
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भोपाल। मध्य प्रदेश में हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक बार फिर आमने सामने है. पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मैं गर्व से कह रहा हूं, मैं हिंदू हूं लेकिन बेवकूफ नहीं हूं. कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने निशाना साधना शुरू कर दिया, जिसके बाद अब कमलनाथ ने इसी मुद्दे पर पलटवार किया है.
मुझे प्रमाण देने की जरुरत नहींः कमलनाथ
बीजेपी के आरोपों पर कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि ''मुझे प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. मैंने कई साल पहले मध्य प्रदेश का सबसे बड़े हनुमान मंदिर बनाया था पर मैंने कभी राजनीति नहीं कि मुझे कोई प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. भाजपा धर्म को राजनीतिक मंच पर लाना चाहती है, यही भाजपा की रणनीति है. धर्म हमारे भावनाओं की बात है हमारे परिवार की बात है, राजनीति की नहीं.''
दरअसल, कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि ''मैं गर्व से कह रहा हूं, मैं हिंदू हूं लेकिन बेवकूफ नहीं हूं. हर जगह विवाद हो रहा है. अब भाषा विवाद तमिलनाडु में शुरू हो गया है. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय किया है. अन्य पिछड़ा वर्ग को मुश्किल से 9-10 फीसदी आरक्षण मिलता हुआ दिखाई दे रहा है.''
सीएम शिवराज ने साधा था निशाना
वहीं कमलनाथ के बयान पर सीएम शिवराज ने निशाना साधा था, कमलनाथ के अपने आप को हिंदू कहने पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि कमलनाथ को अब हिंदू याद आ रहे हैं, उन्हें यह प्रमाण देना पड़ रहा है मैं हिंदू हूं, यह तो अटल जी बहुत पहले कह चुके हैं, हिंदू तन मन, हिंदू रग रग कमलनाथ जी को अब याद आ रहा है.
इसके अलावा गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था कि ''कमलनाथ इच्छाधारी हिंदू हैं और चुनाव आते ही इन्हें हिंदू होने की याद आ जाती है. जनता इनकी असलियत समझ चुकी है. अब इनके हिंदू होने के चुनावी ढोंगी बयान से कोई फायदा नहीं है. गृहमंत्री ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भी कमलनाथ को घेरा और उन्हें ओबीसी विरोधी बता दिया. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ओबीसी का भला बीजेपी ने किया है और अब राज्यसभा में भी ओबीसी चेहरे को भेजने का फैसला किया है.''
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